उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 अक्टूबर को होने वाली किसान महापंचायत को रद्द कर दिया है। अब यह महापंचायत 22 नवंबर को होगी। दरअसल, किसान मोर्चा की ओर से जारी बयान के मुताबिक यह फैसला खेती के मौसम और खराब मौसम को देखते हुए लिया गया है। उधर, यूनाइटेड किसान मोर्चा ने 15 अक्टूबर को सिंघू सीमा पर दलित मजदूर लखबीर सिंह की निर्मम हत्या की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के जज से मांग की है।
वास्तव में, संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की थी कि वह यूपी में धरना भी देगा और किसान महापंचायत का आयोजन करेगा। फिलहाल किसान मोर्चा अब कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के इस्तीफे की मांग कर रहा है। क्योंकि इन दोनों की एक निहंग नेता के साथ तस्वीरें वायरल हो चुकी हैं। जिसके बाद मोर्चा ने केंद्रीय कृषि मंत्री का इस्तीफा मांगा है। इसके साथ ही मोर्चा ने लखबीर सिंह की निर्मम हत्या की सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच कराने की मांग की है। गौरतलब है कि बीते दिनों लखबीर सिंह का शव दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस की बैरिकेडिंग में लटका मिला था और इस मामले में पुलिस ने कुछ निहंगों को गिरफ्तार किया था। निहंगों ने स्वीकार किया था कि उन्होंने दलबीर को मारा था। इस हत्याकांड में पुलिस ने सरबजीत सिंह, नारायण सिंह, भगवंत सिंह और गोविंद प्रीत सिंह को गिरफ्तार किया है। वहीं हरियाणा के कुंडली थाने में 15 अक्टूबर को हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस का कहना है कि आरोपी ने लखबीर सिंह की हत्या की बात स्वीकार करते हुए कहा कि उसने गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान किया है। इसलिए इन लोगों ने उसे मार डाला। लखबीर सिंह की हत्या के बाद किसान मोर्चा पर हमला हो गया था और किसान नेता इस हत्याकांड से निजात पा रहे थे। लेकिन हत्या का वीडियो सोशल मीडिया पर जारी होने के बाद लोगों ने किसान मोर्चा को निशाना बनाना शुरू कर दिया। वही लखबीर सिंह की बेरहमी से हत्या कर उसका एक हाथ काट दिया गया और उसके शरीर पर धारदार हथियारों से वार कर दिया गया।
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने योगेंद्र यादव को एक महीने के लिए मोर्चे से निलंबित कर दिया है। दरअसल योगेंद्र यादव लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर गए थे। जिसका मोर्चा ने विरोध किया था। वहीं मोर्चा ने योगेंद्र यादव से माफी मांगने को कहा था। लेकिन उन्होंने माफी नहीं मांगी। जिसके बाद मोर्चा ने उन्हें एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है।