न्यूज – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि शहरी गरीबों को 11,000 करोड़ रुपए की मदद की गई है, एसडीआरएफ के जरिए मदद दी जा रही है। बेघरों में तीन वक्त का खाना मुहैया कराया जा रहा है। 12000 स्वयं सहायता ग्रुप ने तीन लाख मास्क बनाए। पिछले दो महीनों में शहरी गरीबों के लिए 7,200 नए स्वयं सहायता समूह बनाए गए।
हम प्रवासी मजदूरो का ध्यान रख रहे है। राज्यों को आपदा फंड के इस्तेंमाल को मंजूरी दी गई है। न्यूनतम मजदूरी में बदलाव करेंगे। मजदूरी को लेकर भेदभाव खत्म किया जाएगा। श्रम कानून में सुधार की बात चल रही है। मजदूरों का सालाना स्वास्थ्य जांच अनिवार्य होगी। छोटे व्यापारियों और किसानों को मदद
छोटे व्यापारियों और छोटे किसानों, स्वरोजगार करने वाले को राहत दी गई है।
तीन करोड़ किसानों को सस्ती दरों पर लोन का फायदा मिला। वित्त मंत्री ने कहा गरीबों के खाते में सबसे पहले मदद पहुंचाई गई। 25 लाख नए किसानों को क्रेडिट कार्ड दिए गए। तीन करोड़ किसानों को चार लाख करोड़ रुपए मदद दी गई। फसल कर्ज अदायगी की समयसीमा भी बढ़ायी गई। राज्य के किसानों को 6700 करोड़ रुपए की मदद दी गई। कृषि क्षेत्र के लिए 86,600 करोड़ रुपए लोन की व्यवस्था की दी गई। पैसा सीधे किसानों के खाते में जा रहा है। 30 अपैल तक कृषि क्षेत्र में 63 लाख लोन मंजूर किए गए।
वित्त ने कहा कि 3 करोड़ किसानों के लिए जो 4,22,000 करोड़ के कृषि लोन का लाभ दिया गया है उसमें पिछले तीन महीनों का लोन मोरटोरियम है। ब्याज पर सहायता दी है। 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड की मंजूरी दी है जिसकी लिमिट 25000 करोड़ होगी। पिछले मार्च और अप्रैल महीने में 63 लाख लोन मंजूर किए गए जिसकी कुल राशि 86600 करोड़ रुपया है जिससे कृषि क्षेत्र को बल मिला है। कॉर्पोरेटिव बैंक और रिजनल रुरल बैंक को मार्च 2020 नाबाड ने 29,500 करोड़ के रिफाइनेंस का प्रावधान किया।
ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए राज्यों को मार्च में 4200 करोड़ की रुरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड राशि दी गई। कृषि उत्पादों की खरीद के लिए 6700 करोड़ की वर्किंग कैपिटल भी राज्यों को उपलब्ध करवाई गई है।