न्यूज – केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को 10 सरकारी बैंकों के महाविलय प्लान की घोषणा की, जिसके बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या मौजूदा 27 से घटकर 12 रह जाएगी। बैंकों के विलय का असर हर उस शख्स पर पड़ सकता है, जिसका इन बैंकों में खाता है।
6 छोटे सरकारी बैंकों का भारतीय स्टेट बैंक में और विजया बैंक, देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में पहले ही विलय हो चुका है। इस तरह, एसबीआई और बैंक ऑफ बड़ौदा विलय के बाद 10 सरकारी बैंकों में पहले ही शीर्ष दो बड़े बैंकों में तब्दील हो चुके हैं।
निर्मला सीतरामण ने कहा है कि आने वाले 5 साल में देश को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए नेक्स्ट जेनरेशन बैंकों का होना जरूरी है।
सरकार ने पब्लिक सेक्टर बैंकों के विलय का जो रोडमैप घोषित किया है उसमें चार विलय होंगे। पहला विलय, पंजाब नेशनल बैंक में दो बैंकों- ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को मिलाकर किया जाएगा जबकि दूसरा विलय यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कारपोरेशन बैंक को मिलाकर होगा। तीसरे विलय प्रस्ताव के तहत केनरा बैंक में सिंडीकेट बैंक को मिलाया जाएगा जबकि चौथे विलय में इंडियन बैंक के साथ इलाहबाद बैंक को मिलाया जाएगा।