जस्टिस रेखा पल्ली बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में एक मामले की सुनवाई कर रही थीं और उन्हें सर के संबोधन से वकील अपनी बता रख रहीं थी। रिपोर्ट की मानें तो जस्टिस रेखा पल्ली ने इस पर आपत्ति जताई और कहा था कि वह सर नहीं हैं। जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि "मैं सर नहीं हूं। मुझे आशा है कि आप इस बात को समझेंगीं। उनके इस वक्तव्य के बाद वकील ने कहा कि मैं तो आपकी चेयर यानि पद को ध्यान में रख कर आपको सर से संबोधन कर रही थी। वकील के जवाब पर जस्टिस रेखा पल्ली ने रोचक रिप्लाई दिया
याचिका में कहा गया है कि मणिपुर, मेघालय, पटना, त्रिपुरा और उत्तराखंड के उच्च न्यायालयों में एक भी महिला न्यायाधीश नहीं हैं। गुवाहाटी, हिमाचल, जम्मू और कश्मीर के उच्च न्यायालय; लद्दाख, झारखंड, उड़ीसा, राजस्थान और सिक्किम में केवल 1 महिला न्यायाधीश हैं।
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