डेस्क न्यूज़ – प्याज ने हद कर रखी है। आसपास के तमाम गांवों पड़ोसी जिलों और राज्यों के बाद पड़ोसी देशों से प्याज मंगवाया जा रहा है मगर मांग एवं आपूर्ति का अंतर नहीं घट रहा है ।
मुहाना मंडी में अफगानिस्तान से प्याज आया है। व्यापारियों ने बताया कि 14 टन अफगानीस्तान प्याज वाया पंजाब से आया है। जो थोक में 70 रुपए प्रतिकिलो तक बिका है।
जयपुर की सबसे बड़ी फल–सब्जी मंडी है मुहाना… यहां से तमाम मंडियों में माल जाता है। यहां की कीमत के अपेक्षा लालकोठी, जनता बाजार मंडी में हर चीज 10 रुपए तक महंगी हो जाती है। प्याज के साथ भी ऐसा ही हो रहा है। जयपुर में प्याज का औसत मूल्य 85-90 रुपए बना हुआ है। सितंबर में 28 रुपए किलो था।
लोगो में चर्चा है की प्याज़ की कालाबाजारी हो रही है। स्टाॅक जमा है और कीमत बढ़ाकर निकाल रहे हैं। ये सवाल इसलिए उठा है क्योंकि प्याज की कमी अचानक नहीं हुई है, तीन महीने से प्याज लगातार महंगा ही हुआ है। प्याज रोज आ रहा है। लेकिन मंडियों में भी कम दिख रहा है और बाजारों की दुकानों पर भी बहरहाल है, स्टाॅक लिमिट और मौजूदा स्टाॅक जांच लिया जाए तो इस सवाल से उपजा संदेह भी दूर हो जाए।
प्याज़ के भविष्य की बात करे तोह जनवरी से गुजरात व नासिक से प्याज आने लग जाएगा। फरवरी में जयपुर, सीकर, नागौर व जोधपुर सहित अन्य जगहों पर प्याज की फसल तैयार हो जाएगी। फिर आवक सामान्य हो सकती है।