Income tax

आयकर विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में अब तक 21.32 लाख करदाताओं को टैक्स रिफंड जारी किया

आयकर विभाग ने 1 अप्रैल 2021 से 2 अगस्त 2021 तक 21.32 लाख करदाताओं को 45,896 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया है। इसमें से 20.13 लाख करदाताओं को व्यक्तिगत आयकर रिफंड के रूप में 13.69 हजार करोड़ रुपये का रिफंड दिया गया है। वहीं, 1.19 लाख करदाताओं को 32.20 हजार करोड़ रुपये का कॉरपोरेट टैक्स रिफंड दिया गया है

Manish meena

आयकर विभाग ने 1 अप्रैल 2021 से 2 अगस्त 2021 तक 21.32 लाख करदाताओं को 45,896 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया है। इसमें से 20.13 लाख करदाताओं को व्यक्तिगत आयकर रिफंड के रूप में 13.69 हजार करोड़ रुपये का रिफंड दिया गया है। वहीं, 1.19 लाख करदाताओं को 32.20 हजार करोड़ रुपये का कॉरपोरेट टैक्स रिफंड दिया गया है।

इस तरह चेक कर सकते हैं अपने रिफंड का स्टेटस

करदाता tin.tin.nsdl.com पर जा सकते हैं।

रिफंड स्टेटस पता लगाने के लिए यहां दो जानकारी भरने की

जरूरत है – पैन नंबर और जिस साल का रिफंड बाकी है वह साल भरिए।

अब आपको नीचे दिए गए कैप्चा कोड को भरना होगा।

इसके बाद Proceed पर क्लिक करते ही स्टेटस आ जाएगा।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की साइट पर भी चेक कर सकते हैं रिफंड स्टेटस

सबसे पहले www.incometax.gov.in वेबसाइट पर जाएं।

पैन, पासवर्ड और कैप्चा कोड जैसी डिटेल को डालकर अपने अकाउंट में लॉग-इन करें। 'रिव्यू रिटर्न्स/फॉर्म्स' पर क्लिक करें।

ड्रॉप डाउन मेनू से 'इनकम टैक्स रिटर्न' सेलेक्ट करें। जिस असेसमेंट ईयर का इनकम टैक्स रिफंड स्टेटस चेक करना चाहते हैं, उसका चयन करें

इसके बाद अपने एक्नोलेजमेंट नंबर यानी हाइपर लिंक पर क्लिक करें।

एक पॉप-अप आपकी स्क्रीन पर दिखाई देगा जो रिटर्न की फाइलिंग की टाइमलाइन दिखाएगा।

जैसे कि कब आपका आईटीआर फाइल और वेरिफाई किया गया था, प्रोसेसिंग के पूरे होने की तारीख, रिफंड इश्यू होने की तारीख आदि।

टैक्स रिफंड का दावा करने के लिए आईटीआर फाइल करना जरूरी

अगर आप टैक्स रिफंड क्लेम करना चाहते हैं तो इसके लिए आईटीआर फाइल करना जरूरी है। जब आप आईटीआर फाइल करते हैं तो आयकर विभाग उसका आकलन करता है। यदि आपकी धनवापसी की जाती है, तो इसे सीधे बैंक खाते में जमा किया जाता है।

क्या होता है रिफंड?

कंपनी अपने कर्मचारियों को साल भर वेतन देते समय उनके वेतन से कर का अनुमानित हिस्सा काटकर सरकार के खाते में अग्रिम रूप से जमा कर देती है। कर्मचारी वर्ष के अंत में आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं, जिसमें वे अपनी ओर से कर देयता की राशि बताते हैं। यदि वास्तविक देयता पहले काटे गए कर की राशि से कम है, तो शेष राशि कर्मचारी को वापसी के रूप में मिलती है।

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