न्यूज़- नया वित्तीय वर्ष (2020-2) 1 अप्रैल से शुरू हो रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए, सरकार ने 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा पहले ही बढ़ा दी है। इसके साथ ही पैन-आधार लिंकिंग की समय सीमा तीन महीने बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है। बजट 2020 में, आयकर नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं, जो 1 अप्रैल 2020 से लागू होंगे। आइए जानते हैं उनके बारे में।
(1) नया टैक्स स्लैब – बजट 2020 में घोषित नई टैक्स स्लैब लागू होगी। हालांकि, पुराना टैक्स भी लागू होगा। करदाताओं के पास दो में से एक विकल्प चुनने का विकल्प होगा। बजट में घोषित नई कर दरों के अनुसार, 2.50 रुपये तक की वार्षिक आय पर शून्य आय होगी।
वहीं, 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत, 5 लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत और 7.5 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत और 10 लाख से 10 लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत, 10 लाख से 12.5 लाख रुपये के बीच आय पर 5 प्रतिशत । रुपये के बीच आय पर 20%। 12.5 लाख और रु। 25% के बीच आय पर 15 लाख और रुपये से ऊपर की आय। 15 लाख पर 30% कर लगेगा।
व्यक्तियों को नई कर कम कर दर में सभी कटौती छोड़नी होगी। धारा 80 सी के तहत छूट जैसे कि हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए), लीव ट्रैवल अलाउंस (एलटीए) और घर के किराए का भुगतान आदि।
(2) लाभांश वितरण कर – डीडीटी को बजट 2020 में कंपनियों और म्यूचुअल फंडों द्वारा भुगतान किए गए लाभांश पर समाप्त कर दिया गया है। अब टैक्स डिविडेंड पाने वालों को इसका भुगतान करना होगा। यदि आप म्यूचुअल फंड से लाभांश प्राप्त करते हैं, तो इसे आपकी कमाई माना जाएगा और आपको कर स्लैब दर से कर का भुगतान करना होगा।