मनोज मुंतशिर अपनी कविता 'मुझे कॉल करना' को लेकर विवादों में घिरे हुए हैं. कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने उनकी किताब मे छपी ये कविता ऑनलाइन शेयर करते हुए बताया कि ये ओरिजिनल कविता नहीं है. बल्कि एक अंग्रेज़ी कविता का अनुवाद है. जब यह मामला बड़ा होने लगा, तो उन्होंने ने इससे जुड़ा एक ट्वीट किया. जिसमे उन्होंने लिखा-
"200 पन्नों की किताब और 400 फिल्मी और गैर फिल्मी गाने मिलाकर सिर्फ 4 लाइनें ढूंढ पाए? इतना आलस? और लाइनें ढूंढो, मेरी भी और बाकी राइटर्स की भी. फिर एक साथ फ़ुरसत से जवाब दूंगा. शुभ रात्रि!"
"मैं उस दिन का सपना देखता था जब कोई 'लिखने वाला' इस देश में 'बिकने वाला' समाचार बन जाए. आज मेरी किताब 'मेरी फितरत है मस्ताना' पर इतनी बात हो रही है, मेरी खुशी का आप अंदाज़ा नहीं लगा सकते. देश-विदेश में मैंने अपनी किताब के साथ भ्रमण किया. लेकिन इतना शोर कभी नहीं मचा, जितना आज तीन साल बाद मच रहा है. अब मैं भी मान चुका हूं कि ऊपरवाले के घर देर है, अंधेर नहीं."
"मैंने अपनी आंखों के सामने कितने बड़े-बड़े राइटर्स को नाकामी की ज़िंदगी जीते और गुमनामी की मौत मरते देखा है. आज हालात बदल गए हैं और इन बदले हुए हालात का मैं खुली बाहों से स्वागत करता हूं. जिस देश में हीरोइनों का एयरपोर्ट लुक हेडलाइन बने, सेलेब्रिटीज का कुत्ते घुमाना सुर्खियां बटोरे, वहां अचानक मीडिया में कविता और कवि की बात होने लगे तो समझ लीजिए सतयुग वापस आ गया. इसी क्रांति का ख्वाब देखते हुए निराला और नागार्जुन चल बसे. मेरा सौभाग्य है कि मैं इस क्रांति का दूत बन पाया."
"सिर्फ एक? ये बात तो मेरी हर कविता, हर गीत के बारे में कही जा सकती है. मेरी कोई भी रचना शत-प्रतिशत मौलिक (original) नहीं है. क्योंकि भारतवर्ष में सिर्फ दो मौलिक रचनाएं हैं, वाल्मीकि की रामायण और वेद व्यास की महाभारत. इसके अलावा जो कुछ भी लिखा गया है, सब घूम-फिर के इन्हीं दो महाग्रंथों से प्रेरित है."
कई दिनों मे मनोज सुर्खियों मे बने हुए हैं। हाल ही मे उनके एक वीडियो को यूट्यूब ने डिलीट कर दिया था। जिस पर सोशल मीडिया पर भरी बहसबाजी हुई थी।