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अब सिंगल मदर बच्चों के मां के नाम से बन सकेंगे कास्ट सर्टिफिकेट, कास्ट सर्टिफिकेट में पिता के नाम की बाध्यता खत्म

Deepak Kumawat

डेस्क न्यूज़- राजस्थान में एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के लिए जाति प्रमाण पत्र जारी करने में पिता के नाम की अनिवार्यता को हटा दिया गया है, सिंगल मदर के बच्चों को अब पिता की जगह मां के नाम पर कास्ट सर्टिफिकेट जारी किया जा सकता है, कैबिनेट की मंजूरी के बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने मां के नाम पर जाति प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर सर्कुलर जारी किया है।

अलग रहने वाली महिलाएं, जिनका तलाक नहीं हुआ है, वे महिला और उसके पति की जाति के बराबर

नए प्रावधानों के अनुसार पारिवारिक विवाद, मनमुटाव और घरेलू हिंसा के कारण पति से अलग रहने वाली महिलाएं, जिनका तलाक नहीं हुआ है, वे महिला और उसके पति की जाति के बराबर हैं, साथ ही कानूनी रूप से तलाकशुदा महिलाएं, जिनके पति और महिला एक ही जाति के हैं, ऐसी महिलाओं के बच्चों को अपनी मां के नाम पर जाति प्रमाण पत्र जारी कर सकेंगे।

मां की जाति के आधार पर बनेगा बच्चों का जाति प्रमाण पत्र

अब तक पिता की जाति के आधार पर जाति प्रमाण पत्र बनते रहे हैं, लेकिन तलाशशुदा, विधवा और परित्यक्त के मामलों में छूट दी जाएगी, सर्कुलर के मुताबिक अब विधवाओं और परित्यक्त महिलाओं के बच्चों के मामले में मां की जाति के आधार पर जाति प्रमाण पत्र बनाने का प्रावधान किया गया है.

ऐसी अकेली मां, जिसके बच्चों के पिता का पता नहीं होता, पिता की जाति का भी पता नहीं होता, ऐसे में माता की जाति के आधार पर ही बच्चों का जाति प्रमाण पत्र बनवाया जा सकता है।

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) का प्रमाण पत्र भी मां के नाम पर

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) ईडब्ल्यूएस के प्रमाण पत्र में आय की गणना का सबसे बड़ा आधार है। ईडब्ल्यूएस मामलों में तलाकशुदा महिला की आय के आधार पर बच्चों का आय प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा, ईडब्ल्यूएस महिलाएं जो घरेलू विवादों के कारण अपने पति से अलग रह रही हैं, उनकी आय को पति की आय में जोड़ा जाएगा, तलाक होने तक पति की आय उनकी आय में जोड़ दी जाएगी, उसी आय के आधार पर ही आय प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।

सरकारी नौकरी से लेकर छात्रवृत्ति और योजनाओं तक के लाभ के लिए जाति प्रमाण पत्र जरूरी

सरकारी योजनाओं का लाभ लेने, छात्रवृत्ति लेने और सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने के लिए जाति प्रमाण पत्र आवश्यक है, एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस का आरक्षण केवल जाति प्रमाण पत्र के आधार पर उपलब्ध है, एकल माताओं के बच्चों को जाति प्रमाण पत्र में पिता का नाम अनिवार्य होने के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था, अब मां के नाम जाति प्रमाण पत्र जारी होने से उनके लिए यह आसान हो जाएगा, सिंगल मदर्स के बच्चे अब आसानी से सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने के साथ-साथ स्कॉलरशिप और सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा सकेंगे।

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