India

चीन ने नेपाल को दिखाए तेवर : अब नेपाल का गांव चीन के कब्ज़े में

एक तरफ नेपाल ने भारत को नक्शा दिखा रहा है और दूसरी तरफ नेपाल की खुद की सरज़मी पर चीन ने कब्ज़ा कर लिया है। ओली सरकार इस मामले में चुप है।

Dharmendra Choudhary

डेस्क न्यूज़ – भारत के सबसे मजबूत दोस्तों में से एक माना जाने वाला नेपाल कुछ समय के लिए चीन के साथ भारत के साथ सीमा विवाद पर उतरा है। नेपाल ने अपने संशोधित नक्शे में भारतीय सीमा पर स्थित गाँवों को भी शामिल किया है। एक तरफ नेपाल भारत के साथ सीमा विवाद में उलझा हुआ है, दूसरी तरफ चीन ने एक नेपाली गांव पर कब्जा कर लिया है। एक नेपाली अख़बार द्वारा यह खुलासा किया गया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह दावा किया गया है कि चीन ने तिब्बती सीमा पर नेपाली गांव को धमकी दी है और कब्जा कर लिया है। लगभग 60 वर्षो तक नेपाली सरकार के अधीन रहने वाले रुई गांव का गोरखा अब चीन के अत्याचारी शासन के अधीन हो गए हैं। अखबार ने पीएम केपी ओली से भी सवाल किया है।

पिछले कुछ समय से एक के बाद एक भारत विरोधी कदम उठा रही नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार ने ड्रैगन की इस नापाक हरकत पर चुप्पी साध रखी है। नेपाली समाचार पत्र अन्नपूर्णा पोस्ट के अनुसार, रुई गांव वर्ष 2017 से तिब्बत के क्षेत्र का हिस्सा बन गया है। इस गांव में वर्तमान में 72 घर हैं। रुई गाँव अभी भी नेपाल के नक्शे में शामिल है, लेकिन वहाँ पूरा कब्ज़ा चीन जमाये हुए है।

नेपाली गांव अब तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र का हिस्सा

चीन नेपाल के रुई गुवान नाम के इस गांव को तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (Chinese autonomous region) के हिस्से के रूप में दर्शाता है। हालांकि, नेपाली अखबार अन्नपूर्णा पोस्ट ने दावा किया है कि यह गांव नेपाल का है और चीन ने इस पर ज़बरदस्ती और अवैध कब्जा कर लिया है। नेपाल सरकार का आधिकारिक नक्शा भी नेपाल की सीमा के भीतर इस गाँव को दर्शाता है। लेकिन चीन के डर से नेपाल प्रशासन यहाँ से भाग गया है, और इस क्षेत्र को अपने अधिकार हिस्से में ले लिया है।

'बॉर्डर के पिलर को लगाते समय लापरवाही'

नेपाल के भूमि राजस्व कार्यालय गोरखा के अनुसार, उनके पास अभी भी रुई गाँव के निवासियों से एकत्र राजस्व का रिकॉर्ड है। रुई गांव के निवासियों द्वारा दिए गए राजस्व विवरण भूमि राजस्व कार्यालय में संरक्षित हैं। कार्यालय के एक सहायक कर्मचारी ने कहा, "कार्यालय के रिकॉर्ड अनुभाग में अथारा साया खोले से रुई तक के लोगों के राजस्व का एक रिकॉर्ड है।"

नेपाली इतिहासकार रमेश धूंगल का कहना है कि 2017 तक, रुई और तेइगा गाँव देश के गोरखा जिले के उत्तरी भाग में है। उन्होंने कहा, 'रुई गांव नेपाल का एक हिस्सा है। तो हमने इसे युद्ध में खो दिया और ही यह तिब्बत से संबंधित किसी भी विशेष समझौते या अनुबंध के उसके अधीन था। उन्होंने कहा की  नेपाल ने सीमा रेखा पर स्तंभ लगाते समय लापरवाही की और आज उसी कारण नेपाल ने रुई और तेइगा दोनों गांवों को खो दिया।

नेपाल के कृषि मंत्रालय की ये है रिपोर्ट

नेपाल के कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने नेपाल में कुल 10 स्थानों पर कब्जा कर रखा है। इतना ही नहीं, बीजिंग ने 33 हेक्टेयर नेपाली भूमि पर नदियों के मार्ग को एक प्राकृतिक सीमा बनाने के लिए वहां भी कब्जा कर लिया है। और नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार इस एहम मुद्दे पर चुप है।

विपक्ष लगा रहा गंभीर आरोप

नेपाल के विपक्षी नेपाली कांग्रेस के उपाध्यक्ष और पूर्व उप प्रधानमंत्री, बिमलिंदर निधि ने आरोप लगाया है कि चीन जबरन नेपाल की भूमि पर कब्जा कर रहा है। उन्होंने पीएम ओली से हिमालय और नेपाली गांव कप्पा पर कब्जा करने के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है।

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