अपनी बेहतरीन एक्टिंग से कई किरदारों को दर्शकों के दिलों में उतारने वाले ओम पुरी की आज 71वीं जयंती है। ओम पुरी ने अपने अभिनय कौशल के लिए दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, पद्म श्री पुरस्कार और लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार जीता था, हालांकि कम ही लोग जानते हैं कि ओम पुरी का बचपन अत्यधिक गरीबी में बीता था। महज 6 साल की उम्र से शुरू हुआ जीवन का संघर्ष उनके अभिनेता बनने तक चलता रहा। आज उनकी जयंती के खास मौके पर आइए जानते हैं कैसा रहा संघर्षों से भरा ओम का जीवन-
ओम का परिवार बचपन से ही गरीबी में जी रहा है। गरीबी के कारण उनके पास जन्म प्रमाण पत्र भी नहीं था, जिससे उनके जन्म का वर्ष पता चल सके। ओम की मां उन्हें बताती थीं कि उनका जन्म दशहरे से दो दिन पहले हुआ था। जब वे स्कूल में दाखिल हुए तो उनके चाचा ने जन्म तिथि के आगे 9 मार्च 1950 लिखा था। बड़े होने के बाद जब ओम पुरी ने जानना चाहा तो पता चला कि साल 1950 में दशहरा 20 अक्टूबर को था, इसलिए उनकी जन्मतिथि 18 अक्टूबर थी।
ओम पुरी के पिता एक समय रेलवे और सेना में नौकरी करते थे। ओम जब 6 साल के हुए तो उनके पिता को सीमेंट चोरी करने के आरोप में जेल भेज दिया गया। पिता के जाने के बाद ओम और उनका परिवार बेघर हो गया। घर चलाने के लिए ओम एक चाय की दुकान में बर्तन धोने लगे और उनके भाई कुली बन गए। ओम घर का खर्च चलाने के लिए पास के रेलवे ट्रैक से कोयला उठाया करते थे।
छोटी-छोटी नौकरियों से कमाई करके ओम पुरी ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और प्राथमिक शिक्षा के बाद उन्होंने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में प्रवेश लिया। यहां पढ़ाई के दौरान ओम पुरी की नसीरुद्दीन शाह से दोस्ती और गहरी हो गई और बाद में उनके कहने पर ओम फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में पढ़ने के लिए पुणे चले गए। इससे पहले एक इंटरव्यू के दौरान ओम पुरी ने बताया था कि उनका परिवार उस समय इतना गरीब था कि उनके पास इस कॉलेज में पहनने के लिए शर्ट तक नहीं थी।
ओम पुरी एनएसडी में पढ़ाई के दौरान शबाना आजमी से मिले थे। इस दौरान शबाना उन्हें बेहद बुरी नजर से देख रही थी और शबाना ने कहा की पता नहीं लोग हीरो कैसे बन जाते हैं। जाहिर है शबाना को इस कमेंट पर पछतावा जरूर हुआ होगा। अपने अभिनय करियर के दौरान, शबाना और ओम धारावी, मृत्युदंड, अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यूं आता है, सिटी ऑफ जॉय जैसी कई फिल्मों में एक साथ दिखाई दिए।
ओम पुरी की पत्नी नंदिता ने 2009 में उनकी जीवनी, अनलाइकली हीरो – द स्टोरी ऑफ ओम पुरी लॉन्च की। इस किताब में नंदिता ने खुलासा किया था कि ओम ने महज 14 साल की उम्र में अपनी 55 वर्षीय कामवाली के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे। किताब में नंदिता ने लिखा था कि ओम को अपनी नौकरानी से बचपन में प्यार हो गया था। एक दिन जब बिजली चली गई तो उसने अपनी नौकरानी को पकड़ लिया और उनके बीच शारीरिक संबंध बन गए।
जीवनी के विमोचन के बाद ओम पुरी अपनी पत्नी से नाराज हो गए। अभिनेता ने कहा कि प्रचार के लिए नंदिता ने किताब में कुछ ऐसी बातें भी लिखी हैं जो लिखने लायक नहीं थीं। किताब में नंदिता ने ओम पुरी के रिश्ते पर कई आपत्तिजनक बातें लिखी थीं। दोनों के बिच विवाद इतना बढ़ने लगा कि नंदिता ने उन पर घरेलू हिंसा का आरोप भी लगा दिया। साल 2013 में दोनों का तलाक हो गया।