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Modi Sarkar Vs Twitter : मोदी सरकार ने Twitter को दी IT नियमों को लेकर आखिरी चेतावनी, नहीं मानी बात तो होगा बैन

सोशल मीडिया के लिए लागू की गई शर्तों का तुरंत पालन करे और अगर ट्विटर ने ऐसा नहीं किया तो सरकार भी ट्विटर पर क़ानूनी कार्रवाई कर सकती है।

savan meena

Modi Sarkar Vs Twitter : ब्लू टिक प्रकरण के बीच भारत सरकार ने नए आईटी नियमों के अनुपालन के लिए ट्विटर को फाइनल नोटिस भेज दिया है। इस नोटिस में सरकार ने ट्विटर को दो टूक कहा कि वह 26 मई से सोशल मीडिया के लिए लागू की गई शर्तों का तुरंत पालन करे और अगर ट्विटर ने ऐसा नहीं किया तो सरकार भी ट्विटर पर क़ानूनी कार्रवाई कर सकती है।

दरअसल शनिवार सुबह ट्विटर ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के पर्सनल अकाउंट से ट्विटर ने ब्लू टिक हटा दिया था।

हालांकि, कुछ घंटे बाद ट्विटर ने फिर से अकाउंट को सत्यापित कर दिया और ब्लू टिक लौटा दिया। इतना ही नहीं, ट्विटर ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के अकाउंट से भी ब्लू टिक हटा दिया है।

आईटी नियमों को लेकर केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच छिड़े विवाद पर फिर से चर्चा गरम

Modi Sarkar Vs Twitter :  उसी के बाद से नए आईटी नियमों को लेकर केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच छिड़े विवाद पर फिर से चर्चा गरम हो गई है। सरकार ने ट्विटर के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए आई टी नियमों के पालन को लेकर अंतिम चेतावनी दी है।

इससे पहले गूगल और फेसबुक तथा व्हाट्सएप जैसी दिग्गज कंपनियों ने नए आईटी दिशानिर्देशों के अनुरूप वैधानिक अधिकारियों को नियुक्त करने पर सहमत जताई थी लेकिन ट्विटर (twitter) ने नियमों का पालन करने से इनकार कर दिया था।

सरकार ने ट्विटर को दिया आखिरी मौका

सरकार ने कहा कि ट्विटर इंडिया को नए नियमों का तुरंत पालन करने के लिए एक अंतिम नोटिस दिया गया है। नोटिस के मुताबिक अगर ट्विटर इसका पालन करने में विफल होता है तो फिर उसके खिलाफ आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 79 के तहत उपलब्ध देयता से छूट वापस ले ली जाएगी और ट्विटर आईटी अधिनियम और भारत के अन्य दंड कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

ये है पूरा मामला

ट्विटर ने कोरोना महामारी की रोकथाम के उपायों को लेकर सरकार को निशाना बनाने के लिए कांग्रेस के कथित टूलिकट को लेकर बीजेपी नेताओं के कई ट्वीट को 'तोड़-मरोड़ कर पेश तथ्य' बताया था। जिसके बाद से ही सरकारी और ट्विटर के बीच तनातनी तेज हो गई है।

केंद्र सरकार ने ट्विटर पर 'टूलिकट' मामले जांच में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था। साथ ही सोशल मीडिया संबंधी केंद्र सरकार के नियमों को लेकर भी विवाद है। कंपनी ने यह भी कहा कि वह देश में अपनी सेवाएं जारी रखने के लिए भारत में लागू कानूनों का पालन करने की कोशिश करेगी।

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