डेस्क न्यूज़ – भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन– इसरो (Indian Space Research Organization- ISRO) 11 दिसंबर 2019 को दोपहर 3.25 बजे एक और ताकतवर इमेजिंग सैटेलाइट छो़ड़ेगाI इसका नाम है रीसैट-2बीआर1 (RiSAT-2BR1) इसके अंतरिक्ष में तैनात होने के बाद भारत की राडार इमेजिंग की ताकत में कई गुना इजाफा हो जाएगाI साथ ही दुश्मनों पर नजर रखना ज्यादा आसान हो जाएगाI
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा द्वीप पर स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर में इस लॉन्चिंग को लोगों को दिखाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैंI यहां मौजूद लॉन्च व्यू गैलरी दर्शकों का इंतजार कर रही हैI यहां करीब 5 हजार लोग एकसाथ बैठकर रॉकेट का लॉन्च देख सकते हैंI
इसरो रीसैट-2बीआर1 (RiSAT-2BR1) सैटेलाइट को पीएसएलवी–सी48 क्यूएल रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड नंबर एक से अंतरिक्ष में लॉन्च करेगाI 628 किलोग्राम वजनी रीसैट-2बीआर1 (RiSAT-2BR1) सैटेलाइट को पृथ्वी से 576 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में स्थापित किया जाएगाI
इसरो पीएसएलवी–सी48 क्यूएल रॉकेट के जरिए रीसैट-2बीआर1 (RiSAT-2BR1) को तो लॉन्च करेगा ही, साथ ही वह अमेरिका के 6, इजरायल, जापान और इटली के भी एक–एक सैटेलाइट का प्रक्षेपण इसी रॉकेट से करेगाI
पीएसएलवी–सी48 क्यूएल रॉकेट के लॉन्च होने के करीब 21 मिनट बाद सभी 10 उपग्रह अपनी–अपनी निर्धारित कक्षाओं में स्थापित हो जाएंगेI
रीसैट-2बीआर1 (RiSAT-2BR1) दिन और रात दोनों समय काम करेगाI ये माइक्रोवेव फ्रिक्वेंसी पर काम करने वाला सैटेलाइट हैI इसलिए इसे राडार इमेजिंग सैटेलाइट कहते हैंI
रीसैट-2बीआर1 (RiSAT-2BR1) किसी भी मौसम में काम कर सकता हैI साथ ही यह बादलों के पार भी तस्वीरें ले पाएगाI लेकिन ये तस्वीरें वैसी नहीं होंगी जैसी कैमरे से आती हैंI देश की सेनाओं के अलावा यह कृषि, जंगल और आपदा प्रबंधन विभागों को भी मदद करेगाI
26/11 को मुंबई पर हुए आतंकी हमलों के बाद शुरुआती रीसैट सैटेलाइट की तकनीक में बदलाव किया गया थाI इन्हीं हमलों के बाद इस सैटेलाइट के जरिए सीमाओं की निगरानी की गई थीI घुसपैठ पर नजर रखी गई थीI साथ ही आतंकविरोधी कामों में भी यह सैटेलाइट उपयोग में लाई जाती हैI