राजस्थान में व्यापारियों के विरोध को देखते हुए गहलोत सरकार ने पटाखों पर से कुछ हद तक प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है। एनसीआर में शामिल अलवर, भरतपुर के क्षेत्र को छोड़कर पूरे राजस्थान में हरी आतिशबाजी और हरी आतिशबाजी बेचने और संचालित करने की अनुमति दी गई है। गृह विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है।
ग्रीन आतिशबाजी के लिए टाइम स्लॉट तय किया गया है। दिवाली, गुरुपर्व और अन्य त्योहारों पर रात 8 से 10 बजे तक आतिशबाजी की अनुमति होगी। छठ पर्व पर सुबह छह बजे से आठ बजे तक आतिशबाजी की अनुमति होगी। क्रिसमस और न्यू ईयर पर रात 11:55 से 12:30 बजे तक ग्रीन आतिशबाजी की जा सकती है।
गृह विभाग की गाइडलाइंस के मुताबिक जिन शहरों में प्रदूषण बहुत ज्यादा है। अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब है तो ग्रीन पटाखे, ग्रीन पटाखे चलाने पर भी रोक रहेगी। वायु गुणवत्ता सूचकांक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट से मिलेगा। उस डेटा के आधार पर, उच्च प्रदूषण वाले शहरों में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने या हटाने का निर्णय लिया जाएगा। वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार होने पर ही हरे पटाखों को जलाने की अनुमति दी जाएगी।
राजस्थान सरकार ने 30 सितंबर को पूरे राज्य में 31 जनवरी तक पटाखों और आतिशबाजी पर रोक लगा दी थी। लगातार दूसरे साल पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के लिए राज्य भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। पटाखा कारोबारियों ने प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर सरकार को ज्ञापन दिया था। व्यापारियों के विरोध को देखते हुए सरकार ने 15 दिन बाद फैसला बदल दिया और हरे पटाखों और ग्रीन आतिशबाजी की बिक्री की अनुमति दे दी। अब दिवाली पर पटाखा कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही राजस्थान में सैकड़ों करोड़ का कारोबार हो सकेगा।