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Lakhimpur Kheri violence: आज बहराइच जाएंगी प्रियंका, सिद्धू भी आ सकते है लखीमपुर, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में आयोग का गठन

Ishika Jain

लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा को लेकर सियासी चिंगारी आग की तरह फ़ैल चुकी है। गुरुवार को प्रियंका गांधी बहराइच और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मृतक किसानों के परिवारों से मिलने लखीमपुर जाएंगे। अखिलेश ने पहले 4 अक्टूबर को जाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें लखनऊ में हिरासत में ले लिया गया। वहीं बसपा महासचिव सतीश मिश्रा का भी लखीमपुर जाने का कार्यक्रम है। इसके अलावा पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू के भी आज लखीमपुर पहुंचने की खबर है। हालांकि इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। भारी दबाव के बाद बुधवार को राज्य सरकार ने सभी पक्षों के 5-5 लोगों को पीड़ितों के परिवारों से मिलने की इजाजत दी।

हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में आयोग का गठन

उधर, राज्य सरकार ने लखीमपुर खीरी मामले में न्यायिक आयोग का गठन किया है। उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव मामले की जांच करेंगे। सरकार ने दो महीने में रिपोर्ट मांगी है। आयोग का मुख्यालय लखीमपुर खीरी में होगा

आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा – राहुल

लखीमपुर में पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर राहुल और प्रियंका देर रात तीन बजे लखनऊ पहुंचे थे। बुधवार शाम राहुल-प्रियंका सबसे पहले लखीमपुर खीरी के तिकुनिया गांव पहुंचे। यहाँ मृतक किसान लवप्रीत सिंह (20) के परिवार से मिले। माता-पिता को गले लगाया और उन्हें सांत्वना दी। इसके बाद दोनों मृतक स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप के घर पहुंचे। यहां प्रियंका ने पत्रकार रमन की पत्नी आराधना और उनके बच्चों वैष्णवी और अभिनव से बात की। सभी को सहयोग का आश्वासन दिया। फिर धौरहरा के मृतक किसान नक्षत्र सिंह (55) के परिवार से मिले। इस दौरान राहुल ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से परिजन संतुष्ट नहीं हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि रिपोर्ट में क्या लिखा है।

राहुल ने की आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

राहुल ने कहा कि वह दोषियों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं। सभी जानते हैं कि आरोपी कौन है। उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है, क्योंकि उनके पिता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हैं। राहुल और प्रियंका के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, सांसद दीपेंद्र हुड्डा, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला और अजय सिंह लल्लू भी थे। राहुल आज दिल्ली वापस जाने वाले हैं।

क्या हुआ बुधवार को ?

लखीमपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ गुरुवार को मामले की सुनवाई करेगी। राहुल गांधी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- कुछ समय से भारत के किसानों पर सरकार द्वारा हमला किया जा रहा है। इसके बाद वह फ्लाइट से लखनऊ आ गए। उनके साथ छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी भी थे। राहुल जब लखनऊ पहुंचे तो सरकार ने उन्हें लखनऊ एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने दिया। दरअसल, वह अपनी कार से लखीमपुर जाना चाहते थे। प्रशासन उन्हें उनकी कार से ले जाना चाहता था। एक घंटे से अधिक समय तक धरने के बाद प्रशासन ने राहुल की बात मान ली।

58 घंटे बाद रिहा हुई प्रियंका गाँधी

बता दें की करीब 58 घंटे बाद प्रियंका गांधी को सीतापुर में छोड़ा गया। सोमवार की सुबह लखीमपुर जाते समय उन्हें रोक लिया गया था। वहीं लखीमपुर आ रहे सचिन पायलट और प्रमोद कृष्णन को मुरादाबाद में हिरासत में लिया गया और बाद में रिहा कर दिया। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा- अगर सरकार एक सप्ताह के भीतर समझौते को लागू नहीं करती है तो देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा. आपको बता दें कि टिकैत ने यूपी सरकार से बातचीत कर दोनों पक्षों के बीच समझौता कर लिया था। पंजाब और छत्तीसगढ़ सरकारों ने लखीमपुर हिंसा में मारे गए सभी लोगों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये देने की घोषणा की है। यानी हर मृतक के परिवार को कुल एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

3 अक्टूबर को लखीमपुर में भड़की थी हिंसा

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के विरोध में रविवार 3 अक्टूबर को किसानों ने काले झंडे दिखाए थे। इस दौरान एक कार ने किसानों को कुचल दिया। इससे 4 किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद भड़की हिंसा में आरोप है कि किसानों ने एक ड्राइवर समेत चार लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी। इस हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समेत 15 लोगों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया है। सरकार और किसानों के बीच समझौता हो गया है। सरकार ने मृतक के परिवार को 45 लाख रुपये का मुआवजा दिया है। एक सदस्य को सरकारी नौकरी के साथ घटना की न्यायिक जांच और 8 दिन में आरोपियों की गिरफ्तारी का वादा भी किया गया है।

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