डेस्क न्यूज़- रघु शर्मा ने कहा कि यदि राज्य का एक निजी अस्पताल ओपीडी, आईपीडी या इमरजेंसी में मरीजों को आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं कराता है, या यदि यह कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों से पैसा वसूल करता है। उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जा सकती है, लेकिन उसकी संबद्धता को रद्द भी किया जा सकता है।
डॉ. शर्मा ने कहा कि सरकार ने निजी अस्पतालों को रियायत के साथ अस्पताल खोलने की अनुमति और सुविधा दी थी लेकिन यह ध्यान में आया है कि वे नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। इतना ही नहीं, आयुष्मान भारत महात्मा गांधी भी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना और सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना सहित कई योजनाओं के तहत आने वाले लोगों से पैसा वसूल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि इस संबंध में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने भी आदेश जारी किए हैं। यदि कोई अस्पताल सरकारी आदेशों का पालन नहीं करता है, तो इस अवधि के दौरान आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना को भी रद्द किया जा सकता है और भविष्य में दोबारा इस योजना में शामिल नहीं किया जाएगा।