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फारूक अब्दुल्ला ने आतंकवाद पर बोला हमला, कहा- आम लोगों की हत्या करने वाले आतंकी नरक में जाएंगे, भारत-पाक मिलकर रास्ता निकाले

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में गुस्सा है। नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भी आतंकियों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि आम लोगों की हत्या करने वाले आतंकी नर्क में जाएंगे हैं।

Vineet Choudhary

डेस्क न्यूज़- जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में गुस्सा है। नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भी आतंकियों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि आम लोगों की हत्या करने वाले आतंकी नर्क में जाएंगे हैं। अब्दुल्ला ने इंडिया टुडे टीवी को दिए इंटरव्यू में यह बात कही है। उनका कहना है कि इस्लाम निर्दोष लोगों की हत्या की इजाजत नहीं देता, कट्टरपंथियों को इसे समझना चाहिए।

पाक से बातचीत की वकालात

इसके साथ ही अब्दुल्ला ने पाकिस्तान से बातचीत की वकालत भी की है। उन्होंने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के लिए सबसे अच्छा होगा कि वे एक साथ बैठें और हिंसा को समाप्त करने के लिए शांति बहाली पर काम करें। इससे बड़ा बदलाव आएगा। हम हमेशा कहते रहे हैं कि बैठकें और बातचीत होनी चाहिए। इसके साथ ही अब्दुल्ला ने एक बार फिर अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जब अनुच्छेद 370 को हटाया गया तो लगा कि चीजें ठीक नहीं होंगी, स्थिति और खराब होगी और ऐसा हुआ।

हिंदू और सिखों को बनाया जा रहा निशाना

पिछले हफ्ते श्रीनगर में, आतंकवादियों ने ईदगाह इलाके के एक स्कूल में धावा बोल दिया और दो शिक्षकों की हत्या कर दी। इनमें प्रिंसिपल सुपिन्दर कौर और शिक्षक दीपक चंद शामिल थे। सुपिन्दर सिख समुदाय से थे और दीपक चंद कश्मीरी पंडित थे। इसके कुछ दिन पहले आतंकियों ने बिहार के एक कश्मीरी पंडित माखनलाल बिंदू और रेहड़ी-पटरी वाले वीरेंद्र पासवान को निशाना बनाया था।

इसलिए उग्र हैं आतंकवादी

सरकार ने कश्मीरी प्रवासियों और पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों को 45 लाख स्वदेशी प्रमाण पत्र वितरित किए हैं। इससे गैर-मुसलमानों में हड़कंप मच गया और यही वजह है कि आतंकियों में गुस्सा हैं। इसलिए सिर्फ हिंदुओं को ही नहीं बल्कि सिखों को भी निशाना बनाया जा रहा है ताकि उनमें दहशत फैले। वहीं, कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद एक साल में एक भी हिंदू परिवार विस्थापित नहीं हुआ। यह बात लगातार आतंकियों को परेशान कर रही थी। इसलिए, उन्होंने गैर-मुसलमानों पर हमले शुरू किए हैं।

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