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मंत्रीजी दोषी: फ़र्ज़ी दस्तावेज में फंसे UP के मंत्री अनिल शर्मा

यह आदेश विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट के एडीजे राम प्रताप सिंह ने 16 अक्टूबर को जारी किया था, जिसकी एक प्रति बुधवार को उपलब्ध कराई गई है।

Ranveer tanwar

एमपी-एमएलए अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एडीजे) ने उत्तर प्रदेश के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अनिल शर्मा को अवैध रूप से एक निजी कारखाने की भूमि को जाली दस्तावेज के अधार पर अतिक्रमण करने का दोषी पाया है। अदालत ने मंत्री को 10 नवंबर को अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए भी तलब किया है।

  1. यह आदेश विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट के एडीजे राम प्रताप सिंह ने 16 अक्टूबर को जारी किया था, जिसकी एक प्रति बुधवार को उपलब्ध कराई गई है।

आईपीसी की धारा 420, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।

इसमें कहा गया है कि पीड़ित ने अदालत में जमीन के मूल दस्तावेज पेश किए हैं और प्रथम ²ष्टया ऐसा लगता है कि 'अन्य पक्ष' (जो कि अनिल शर्मा हैं) उन्होंने अवैध रूप से अतिक्रमण करने के लिए जमीन के फर्जी दस्तावेजों को आधार बनाया है।

अदालत ने पुलिस को मंत्री के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।

मामला बुलंदशहर स्थित एक निजी फर्म के निदेशक द्वारा दायर किया गया था। शिकायतकर्ता के मुताबिक मंत्री ने अपनी करोड़ों रुपये की जमीन के फर्जी कागजात बनाए हैं।

शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि शर्मा ने सुनिश्चित किया कि जिला प्रशासन द्वारा जमीन की मैपिंग नहीं की गई थी, ताकि वह जमीन पर अतिक्रमण कर सके।

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