प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 4.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से डिजिटल भुगतान समाधान 'ई-रुपी' (e-RUPI) की शुरुआत करेंगे। मोदी द्वारा सदैव डिजिटल पहल को बढ़ावा देने को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि पिछले वर्षों के दौरान इच्छित लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं ताकि सरकार और लाभार्थी के बीच सीमित संपर्क बिंदु रहें।
'इलेक्ट्रॉनिक वाउचर' की अवधारणा सुशासन के इस दृष्टिकोण को आगे ले जाएगी। पीएमओ ने एक बयान में कहा कि 'ई-रुपी' डिजिटल भुगतान के लिए कैशलेस और संपर्क रहित माध्यम है।
ई-रुपी बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं के साथ सेवाओं के प्रायोजकों को जोड़ता है। इसके तहत यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा देने वाले को भुगतान किया जाए। प्री-पेड होने की वजह से सेवा प्रदाता को किसी मध्यस्थ के हस्तक्षेप के बिना ही सही समय पर भुगतान संभव हो जाता है।
ई-रूपी एक ऐसी व्यवस्था होगी, जिसमें किसी योजना का लाभ पाने वाले और सर्विस प्रोवाइडर के बीच कोई और मध्यस्थ नहीं होगा। क्योंकि सरकार की ओर से वाउचर देने वाले की तरफ से ये सीधे लाभार्थी के मोबाइल पर भेजा जाएगा। ये एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस डिजिटल पेमेंट माध्यम है, इसके जरिए सीधे लाभार्थी के मोबाइल पर ई-वाउचर भेजा जाएगा। QR कोड या SMS स्ट्रिंग पर आधारित ई-वाउचर के जरिए लाभार्थी तक उसके हक का पैसा पहुंचाया जाएगा।
खास बात ये है कि ई-वाउचर से भुगतान के लिए कार्ड, डिजिटल पेमेंट ऐप की जरूरत नहीं होगी, ना ही ऑनलाइन बैकिंग की जरूरत रहेगी। इसके जरिए ट्रांजैक्शन यानी लेन-देन पूरा होने के बाद ही सर्विस प्रोवाइडर को पेमेंट होगा, यानी जब तक वाउचर आपके मोबाइल में है, वो आपका है, उसके लिए एक तय अवधि होगी, जिसके अंदर आपको वाउचर भुनाना होगा।
ई-रुपी प्री-पेड रकम है, इससे पेमेंट में देरी संभव नहीं, बस ये वाउचर के रूप में है, जो वाउचर देने वाला लाभार्थी तक पहुंचाता है। ई-रुपी के जरिए बिना किसी मध्यस्थ के पेमेंट होना तय है, यानी सर्विस प्रोवाइडर के लिए भी इसमें फायदा है। उसे ये शिकायत नहीं रहेगी कि उसने लाभार्थी को सेवा तो दे दी, लेकिन उसका पेमेंट होने में देरी हो रही है। ई-रूपी पेमेंट हो जाने की गारंटी है।