डेस्क न्यूज़– यूपी के लखीमपुर हिंसा मामले में क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये तीनों किसानों को कुचलने वाली थार जीप के पीछे स्कॉर्पियो में सवार थे। इनकी पहचान मोहित त्रिवेदी, धर्मेंद्र सिंह और रिंकू राणा के रूप में हुई है। तीनों मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के करीबी हैं। घटना के प्रत्यक्षदर्शी सुमित जायसवाल के बाद इन तीनों की गिरफ्तारी को बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है।
लखीमपुर हिंसा के आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा 'टेनी' के बेटे आशीष मिश्रा को शुक्रवार को फिर से एसआईटी ने दो दिन के रिमांड पर लिया। आशीष का शनिवार को अन्य आरोपियों अंकित दास, शेखर भारती, लतीफ उर्फ काले, सुमित जायसवाल मोदी, सत्यम त्रिपाठी, नंदन सिंह और शिशुपाल से आमना-सामना होगा। इसमें एसआईटी हिंसा से जुड़े उन अनसुलझे सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेगी, जिनका जवाब अब तक किसी भी आरोपी ने नहीं दिया है। इसमें घटना के वक्त आशीष मिश्रा की मौजूदगी, किसानों पर थार जीप, फायरिंग की वजह और इसके पीछे की मंशा जैसे सवाल प्रमुख हैं।
शुक्रवार को सीजेएम कोर्ट ने एसआईटी की मांग पर आशीष मिश्रा समेत चार आरोपियों को 48 घंटे की पुलिस रिमांड पर दिया था। चारों आरोपी आशीष, अंकित दास, शेखर भारती और लतीफ उर्फ काले 22 अक्टूबर की शाम 5 बजे से 24 अक्टूबर की शाम 5 बजे तक पुलिस हिरासत में हैं। वहीं, सुमित जायसवाल मोदी, सत्यम त्रिपाठी, नंदन सिंह और शिशुपाल शुक्रवार सुबह से ही पुलिस रिमांड पर हैं
एसआईटी की टीम ने मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को लेकर अभी तक खुलासा नही किया है कि वह हिंसा के समय मौजूद था, जबकि सभी सबूत बताते हैं कि आशीष मौके पर था। अब तक की जांच की बात करें तो पुलिस को अभी तक आशीष और अंकित दास के हथियारों की फॉरेंसिक लैब से बैलिस्टिक रिपोर्ट, बीटीएस टावर से सिग्नल कंजेशन रिपोर्ट, आशीष के मोबाइल फोन की साइबर रिपोर्ट नहीं मिली है। उसके बाद ही आशीष की मौके पर मौजूदगी और उसकी भूमिका तय होगी।