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नेपाल के सेना प्रमुख प्रभुराम शर्मा भारत के चार दिवसीय दौरे पर रवाना, रक्षा संबंधों को मजबूत करने की दिशा में होंगे प्रयास

नेपाल के सेना प्रमुख जनरल प्रभुराम शर्मा भारत के चार दिवसीय दौरे पर नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। नेपाल सेना के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है।

Ishika Jain

नेपाल के सेना प्रमुख जनरल प्रभुराम शर्मा भारत के चार दिवसीय दौरे पर नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। नेपाल सेना के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है। जनरल प्रभुराम शर्मा भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के आधिकारिक निमंत्रण पर नई दिल्ली आ रहे हैं। पिछले साल भारतीय सेना प्रमुख नरवणे ने भी नेपाल का दौरा किया था। चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए भारत नेपाल को अपने साथ ले जाने में लगा हुआ है।

9 नवंबर को भारत के चार दिवसीय दौरे पर रवाना होंगे जनरल शर्मा

जनरल प्रभुराम शर्मा अपनी भारत यात्रा के दौरान अपने भारतीय समकक्ष जनरल एमएम नरवणे, वायु सेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख से मुलाकात करेंगे। सरकार के प्रवक्ता ज्ञानेंद्र बहादुर कार्की ने पिछले सप्ताह कहा था कि जनरल शर्मा नौ नवंबर को भारत के चार दिवसीय दौरे पर नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे। प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सेना प्रमुख के दौरे को मंजूरी दी गई। जनरल शर्मा की यात्रा के दौरान, भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भारतीय सेना के मानद जनरल का पद प्रदान करेंगे। वह 12 नवंबर को नेपाल लौटेंगे।

कई नेताओं से भी करेंगे मुलाकात

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जनरल शर्मा अपने भारत दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। नेपाल सेना प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और तीनों सेना प्रमुखों और रक्षा सचिव अजय कुमार से भी मुलाकात करेंगे। वह नेशनल डिफेंस कॉलेज में एक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। यहीं से उन्होंने एक कोर्स भी किया था। यह दौरा दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।

भारत-नेपाल संबंधों में आई थी कड़वाहट

नेपाली सेना प्रमुख की यात्रा भारत-नेपाल संबंधों को फिर से जगाने का काम कर रही है। उत्तराखंड में भारत-नेपाल-चीन ट्राइजंक्शन पर 17,000 फीट की ऊंचाई पर लिपुलेख दर्रे के लिए एक नई रणनीतिक 80 किमी सड़क के निर्माण को लेकर पिछले साल दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध तनावपूर्ण थे। ऐसी खबरें थीं कि चीन ने तनावपूर्ण संबंधों का फायदा उठाकर नेपाल में प्रभाव डालने की कोशिश की, जिसमें सीमाओं के साथ कई जगहों पर जमीन हथियाना भी शामिल था। इन सबके बीच चीन ने नेपाल में ल्हासा को काठमांडू से जोड़ने वाली 30 करोड़ डॉलर की रेल परियोजना को भी पुनर्जीवित किया।

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