India

54 साल बाद फ्रांस के ग्लेशियर में मिला 1966 का भारतीय अखबार

जानकारी के अनुसार, फ्रांस के मोंट ब्लांक पहाड़ों के बेसन ग्लेशियर के पिघलने से एक दर्जन से अधिक भारतीय अखबारों की प्रतियां मिली हैं। ये समाचार पत्र 1966 के हैं, और यह आम चुनाव में इंदिरा गांधी की जीत को संदर्भित करता है

Dharmendra Choudhary

डेस्क न्यूज़ – इंदिरा गांधी 1966 में भारत की पहली महिला प्रधान मंत्री बनीं और इसे कवर करने वाले अखबारों की प्रतियां अभी भी भारत में हैं लेकिन फ्रांस में इसी तरह की प्रतियां मिलना थोड़ा आश्चर्यजनक है। और ऐसा किसी के घर में नहीं बल्कि एक ग्लेशियर में हुआ है। जानकारी के अनुसार, फ्रांस के मोंट ब्लांक पहाड़ों के बेसन ग्लेशियर के पिघलने से एक दर्जन से अधिक भारतीय अखबारों की प्रतियां मिली हैं। ये समाचार पत्र 1966 के हैं, और यह आम चुनाव में इंदिरा गांधी की जीत को संदर्भित करता है।

भारत की पहली महिला प्रधान मंत्री

 एक समाचार पत्र का शीर्षक है, "भारत की पहली महिला प्रधान मंत्री।" अब आप भी यह सोचकर हैरान होंगे कि भारतीय अखबारों की इतनी पुरानी प्रतियां फ्रांस के ग्लेशियर तक कैसे पहुंचीं, ये जानने के लिए पूरी खबर पढ़िये

24 जून 1966 को यूरोप की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला पर एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था

दरअसल, ये सब एक प्लेन क्रैश की वजह से हुआ है। 54 साल पहले इसी पर्वत पर एयर इंडिया का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। विमान एयर इंडिया का था और एक फ्रांसीसी समाचार पत्र के अनुसार, विमान 24 जून 1966 को यूरोप की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला पर दुर्घटना का शिकार हुआ था। ग्लेशियर से जो अखबार मिले हैं, वे उसी के अवशेष हैं।

विमान में 177 लोग मारे गए थे

मॉन्ट ब्लैंक पर्वतमाला पर लगभग 1,350 मीटर की ऊंचाई पर बासोंस ग्लेशियर के पास एक कैफे और रेस्तरां चलाने वाले 33 वर्षीय टिमोथी मोटिन ने इन समाचार पत्रों को बरामद किया है। इनमें "नेशनल हेराल्ड" और "इकोनॉमिक टाइम्स" सहित दर्जनों समाचार पत्रों की प्रतियां शामिल हैं। एयर इंडिया का बोइंग 707 यूरोप के सबसे ऊंचे पहाड़ों पर 24 जनवरी, 1966 को एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें 177 लोग मारे गए थे। विमान का नाम कंचनजंघा था, जो की भारत के सबसे ऊचे पर्वत के नाम पर था।

पहले भी मिल चुके हैं कई सामान

भारतीय विमान दुर्घटना के बाद मलबे के अवशेष खोजने की प्रक्रिया 2012 में शुरू हुई थी। 2012 में, यहां राजनयिक मेल का एक बैग मिला था, जिसमें भारत सरकार, राजनयिक पदों और विदेश मंत्रालय की मुहरें मिली थीं। एक साल बाद, एक पर्वतारोही को एक धातु का डिब्बा भी मिला, जिस पर एयर इंडिया का लोगो बना था। इसमें 117000 से लेकर लगभग 230000 ब्रिटिस पेज और बेशकीमती सामन थे। यही नहीं, 2017 में यहां मानव अवशेष भी पाए गए हैं।

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