जयपुर (डेस्क न्यूज) – किसी भारत के लिए सच ही कहा है.. "ना हम हार से डरते है, ना हम जीत पर इतराते है, भयभीत होना तो हमने सीखा ही नही , बस कर्तव्य करते जाते है और देश को आगे ले जाने का सपना आखों में संजोए रहते है फिर जो भी नतीजे आये एक राष्ट्र के तौर पर हमेशा तैयार रहते है।"
रविवार रात 12 बजे बाद से ही पूरे देश के साथ दुनिया की नजरें भारत पर थी, क्योंकि भारत सोमवार तडके स्पेस में तडका धमाका करने वाला था, दरअसल सोमवार सुबह 2 बजकर 51 मिनट पर भारत चंद्रयान 2 की लांचिग करने वाला था लेकिन काउंडाउन में जब मात्र 56 मिनट और 24 सैंकड का समय बचा तो काउंडाउन अचानक रूक गया। ऐसे में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर में अफरा-तफरा मच गई। आखिर हुआ क्या है , दरसहल यान में वैज्ञानिकों को तकनीकी खामी मिली जिस वजह से लांचिग रोकनी पडी।
इस रुकावट की वजह से इसरो के वैज्ञानिकों की 11 साल की मेहनत को छोटा सा झटका लगा है, लेकिन इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा अंतिम क्षणों में तकनीकी कमी खोज लेना भी एक बडी बात है, अगर इस कमी के साथ लांचिग होती तो बड़ा हादसा हो सकता था।
थोडी देर बाद इसरो के ऑफिशियल टिवटर अकांउट से ट्वीट आया कि 1 घंटे पहले यान में एक तकनीकी रोड़ा खामी पाई गई है। इसके चलते चंद्रयान 2 की लांचिग आज नही की जाएगी। चंद्रयान 2 के लॉन्च की नई तारीख बाद में घोषित की जाएगी।
चंद्रयान-2 को अक्टूबर 2018 में लॉन्च किया जाना था, लेकिन इस की तारीख आगे बढ़ाकर 15 जूलाई कर दी थी। इसरो ने अब तक चंद्रयान 2 मिशन की 4 बार की तारीख बदली है।
भारत के दूसरे मून मिशन में इस्तेमाल होने वाले रॉकेट और अन्य उपकरणों की लागत 978 करोड़ रुपए है। जबकि इजराइल ने बीते फरवरी में मून मिशन भेजा था, उसकी लागत 1400 करोड़ रुपए थी,
चंद्रयान 2 की लांचिग देखने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अलावा हजारों लोग मौजूद थे।