डेस्क न्यूज़ – राजस्थान में विवाद बुधवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। विधानसभा अध्यक्ष ने सचिन पायलट और उनके शिविर के विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में मंगलवार को राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की है, जिस पर गुरुवार को सुनवाई होगी।
इस बीच, सचिन पायलट की ओर से एक याचिका दायर की गई है और अदालत से अनुरोध किया गया है कि मामले में कोई भी फैसला देने से पहले उन्हें अपना मामला पेश करने का मौका दिया जाए। मामले की सुनवाई के लिए बुधवार को मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने विशेष उल्लेख किया, लेकिन बुधवार को इस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति बोबडे ने श्री सिब्बल से कहा कि वे रजिस्ट्री में जाएं और उनसे आग्रह करें। रजिस्ट्री खुद मामले की सूची देगी। बुधवार शाम सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी कॉज लिस्ट में जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरानी की बेंच के समक्ष मामले को सूचीबद्ध किया गया है। स्पीकर ने राजस्थान उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उसने सचिन पायलट और उनके शिविर के 18 विधायकों के खिलाफ शुक्रवार तक की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय विधानसभा अध्यक्ष को सचिन गुट पर कार्रवाई करने से नहीं रोक सकता। अदालत का मंगलवार का आदेश न्यायपालिका और विधायिका के बीच टकराव पैदा करता है।
याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश पर रोक लगाने की भी मांग की है। याचिका में, स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसले का भी हवाला दिया और कहा कि शीर्ष अदालत ने अपने पहले के फैसले में कहा है कि जब तक अयोग्यता की कार्यवाही पूरी नहीं होती है, तब तक कोर्ट स्पीकर की कार्रवाई में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
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