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भीषण अत्याचार के बीच तालिबान ने किया एक अच्छा काम, अफगान लड़कियों के लिए खुशखबरी

फिरोजकोह परिषद ने घोर प्रांत के शिक्षा अधिकारियों से लड़कियों के स्कूलों को फिर से खोलने का आग्रह किया

Kunal Bhatnagar

डेस्क न्यूज. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद लड़कियों के स्कूल जाने पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन महीनों बाद अब यहां की लड़कियां फिर से स्कूल जा सकेंगी. अफगानिस्तान के घोर प्रांत में बालिका विद्यालय खोलने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके तहत कक्षा 7 से 12 तक की छात्राओं को फिरोजकोह में उनके स्कूलों में जाने की अनुमति दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, फिरोजकोह परिषद के प्रयासों के चलते स्कूलों को फिर से खोल दिया गया है.

छात्राओं के लिए फिर से खुल गए स्कूल

फिरोजकोह परिषद ने घोर प्रांत के शिक्षा अधिकारियों से लड़कियों के स्कूलों को फिर से खोलने का आग्रह किया।

फिरोजकोह परिषद के प्रमुख सुल्तान अहमद ने कहा, 'हम एक समझौते पर पहुंचे हैं

कि घोर के सभी जिलों में लड़कियों के लिए हाई स्कूल फिर से खोल दिए जाएं।'


तालिबान ने दी स्कूल जाने की इजाजत

नागरिक अधिकार कार्यकर्ता हबीब वहदात ने घोर प्रांत में स्कूलों को फिर से

खोलने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा, "यह बहुत खुशी की बात है

कि लड़कियों के लिए स्कूल फिर से खोले जाएंगे।" अगर महिलाओं

को शिक्षा से वंचित रखा जाएगा तो समाज की अगली पीढ़ी का भविष्य उज्ज्वल नहीं होगा।

तालिबान हर दिन फरमान जारी करता रहता है

आपको बता दें कि पश्चिमी अफगानिस्तान के हेरात और घोर प्रांतों में लड़कियों को माध्यमिक शिक्षा के लिए स्कूलों में जाने की अनुमति दी गई है। 15 अगस्त 2021 को तालिबान ने अफगानिस्तान पर अधिकार कर लिया, जिसके बाद अफगानिस्तान में लड़कियों के स्कूल जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इतना ही नहीं तालिबान आए दिन तरह-तरह के फरमान जारी करता रहता है।

इससे पहले 10 अक्टूबर 2021 को कुंदुज, बल्ख और सर-ए-पुल प्रांतों में छात्राओं के लिए स्कूल फिर से खोल दिए गए थे। प्रांतीय शिक्षा विभाग के प्रमुख जलील सैयद खिली ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि बालिका विद्यालय खोल दिए गए हैं और छात्राएं विद्यालय आने लगी हैं.

अफगानिस्तान में ताजा स्थिति

अफगानिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। यही वजह है कि अफगानिस्तान ने पिछले दिन अमेरिका से सभी जब्त बैंक संपत्तियों को रिहा करने का आग्रह किया था। इतना ही नहीं यहां भुखमरी की समस्या भी बढ़ती जा रही है। हालांकि इस देश की मदद के लिए यूएन का बहुत बड़ा योगदान है।

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