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 नयी शर्त आखिर है क्या ? जो तालिबानी सरकार ने रखी कामकाजी महिलाओं के सामने

Prabhat Chaturvedi

अफगानिस्तान मे तालिबान का कब्ज़ा होने के बाद से तमाम चीजे बदल रही है कल तक जो तालिबान सब सामान्य होने के दावे कर रहा तह वो अब रोज नए आदेश या शर्त आम जनता पर थोपना शुरू कर चुका है महिलाएं इस वजह से डरी सहमी और सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं अंतरर्राष्ट्रीय मीडिया मे रोज नयी मार्मिक तस्वीरें रोते बिलखते मासूम बच्चो और महिलाओं की अफगानिस्तान से आ रही हैं

तालिबानी सरकार का आदेश , घर पर रहें महिलाएं

मौलवी हमदुल्ला जो की तालिबानी मेयर है उसने कहा की जब तक हालात स्थिर नहीं होते तब तक ये व्यवस्था जारी रहेगी।

AFP  न्यूज़ एजेंसी की ऒर से डाले गए वीडियो मे मौलवी हमदुल्ला ने कहा,

" हमने केवल उन महिलाओं को आने को कहा है की जिनकी जरुरत है

या फिर जिनका काम पुरुष नहीं कर सकते , ऐसी महिलाएं रोज काम पर

जाएंगी , लेकिन जिनका काम पुरुष कर सकते हैं, हमने उन महिलाओं  को

तब तक घर पर रहने के लिए कहा है, जब तक परिस्थितियां सामान्य नहीं होते। "

काबुल के मेयर ने आगे कहा कि पहले सभी महिलाओं को वापस आने के लिए कहा गया था , लेकिन फिर इस्लामिक अमीरात को यह जरूरी लगा कि औरतें कुछ वक्त के लिए काम करना बंद कर दें।

अपनी पहली कॉन्फ्रेंस मे वैसे तो तालिबान ने ये कहा था कि महिलाओं के अधिकारों का तालिबान पूरा सम्मान करेगा . तालिबानी प्रवक्ता ने कहा था कि शरिया के दायरे मे रह के महिलाओं के अधिकारों का समर्थन करेंगे . लेकिन कुछ दिनों बाद ही तालिबान कि ऒर से कहा गया कि औरतें अपने घरो मे रहें क्युकी तालिबानी लड़ाके उनका सम्मान करना नहीं सीखे हैं

लड़कियों के पढ़ने पर लगाई पाबन्दी

पिछले शासन मे तालिबान ने औरतों पर बहुत अत्याचार किए थे . उनको घरो मे कैद कर दिया गया था .उनके काम करने पढ़ने के अधिकार ख़त्म कर दिए गए थे।  तालिबानी आदेशों के जरा से उल्लंघन पर भी औरतों को सरेआम बर्बर सजा दी जाती थी।

तालिबान इस बार अपनी इस पुरानी  छवि को बदलने कि कोशिश कर रहा है। लेकिन जैसे जैसे वक्त बीत रहा उसकी मंशा जाहिर होती जा रही है और ये अंदेशा सच साबित हो रहा है कि तालिबान कि नीयत नहीं बदलने वाली चाहे जितने दावे कर ले मीडिया के सामने।

पिछली सरकार मे बने महिला मामलों के मंत्रालय को भी ख़त्म कर दिया गया है। लडको की क्लास तो दुबारा सुरु कर दी गयी है लेकिन लड़कियों को इजाजत कुछ पाबंदियों के साथ मिली है।  लड़कियों की सेकेंडरी शिक्षा पर अब भी रोक है।

अफगानी औरतों का तालिबान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है , जिसे दबाने के लिए कई बार तालिबान हिंसा का सहारा ले चूका है। 

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