अफगानिस्तान मे तालिबान का कब्ज़ा होने के बाद से तमाम चीजे बदल रही है कल तक जो तालिबान सब सामान्य होने के दावे कर रहा तह वो अब रोज नए आदेश या शर्त आम जनता पर थोपना शुरू कर चुका है महिलाएं इस वजह से डरी सहमी और सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं अंतरर्राष्ट्रीय मीडिया मे रोज नयी मार्मिक तस्वीरें रोते बिलखते मासूम बच्चो और महिलाओं की अफगानिस्तान से आ रही हैं
मौलवी हमदुल्ला जो की तालिबानी मेयर है उसने कहा की जब तक हालात स्थिर नहीं होते तब तक ये व्यवस्था जारी रहेगी।
AFP न्यूज़ एजेंसी की ऒर से डाले गए वीडियो मे मौलवी हमदुल्ला ने कहा,
" हमने केवल उन महिलाओं को आने को कहा है की जिनकी जरुरत है
या फिर जिनका काम पुरुष नहीं कर सकते , ऐसी महिलाएं रोज काम पर
जाएंगी , लेकिन जिनका काम पुरुष कर सकते हैं, हमने उन महिलाओं को
तब तक घर पर रहने के लिए कहा है, जब तक परिस्थितियां सामान्य नहीं होते। "
काबुल के मेयर ने आगे कहा कि पहले सभी महिलाओं को वापस आने के लिए कहा गया था , लेकिन फिर इस्लामिक अमीरात को यह जरूरी लगा कि औरतें कुछ वक्त के लिए काम करना बंद कर दें।
अपनी पहली कॉन्फ्रेंस मे वैसे तो तालिबान ने ये कहा था कि महिलाओं के अधिकारों का तालिबान पूरा सम्मान करेगा . तालिबानी प्रवक्ता ने कहा था कि शरिया के दायरे मे रह के महिलाओं के अधिकारों का समर्थन करेंगे . लेकिन कुछ दिनों बाद ही तालिबान कि ऒर से कहा गया कि औरतें अपने घरो मे रहें क्युकी तालिबानी लड़ाके उनका सम्मान करना नहीं सीखे हैं
पिछले शासन मे तालिबान ने औरतों पर बहुत अत्याचार किए थे . उनको घरो मे कैद कर दिया गया था .उनके काम करने पढ़ने के अधिकार ख़त्म कर दिए गए थे। तालिबानी आदेशों के जरा से उल्लंघन पर भी औरतों को सरेआम बर्बर सजा दी जाती थी।
तालिबान इस बार अपनी इस पुरानी छवि को बदलने कि कोशिश कर रहा है। लेकिन जैसे जैसे वक्त बीत रहा उसकी मंशा जाहिर होती जा रही है और ये अंदेशा सच साबित हो रहा है कि तालिबान कि नीयत नहीं बदलने वाली चाहे जितने दावे कर ले मीडिया के सामने।
पिछली सरकार मे बने महिला मामलों के मंत्रालय को भी ख़त्म कर दिया गया है। लडको की क्लास तो दुबारा सुरु कर दी गयी है लेकिन लड़कियों को इजाजत कुछ पाबंदियों के साथ मिली है। लड़कियों की सेकेंडरी शिक्षा पर अब भी रोक है।