अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद जहां तालिबान लड़ाके जश्न मना रहे हैं, वहीं राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने के लिए नई रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है। इसके तहत आने वाले दिनों में अमेरिका ISIS-K और अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ हवाई हमला कर सकता है। बताया जा रहा है कि बाइडेन इस ऑपरेशन में तालिबान की मदद ले सकते हैं।
अमेरिका का कहना है कि तालिबान की मदद के बिना
अफगानिस्तान से आतंकवादियों का सफाया करना
मुश्किल होगा, इसलिए उन्हें साथ लेना जरूरी होगा।
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि तालिबान और आईएसआईएस-के कम से कम अफगानिस्तान में एक दूसरे के विरोधी हैं। शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने यह भी कहा है कि अफगानिस्तान में 20 साल के युद्ध के दौरान अमेरिकी बंदियों को जेलों से मुक्त करने का तालिबान का फैसला गलत था, क्योंकि इस फैसले से आईएसआईएस से जुड़े कम से कम 2,000 आतंकवादियों को भी रिहा कर दिये गये। ये सभी आतंकी अफगानिस्तान में तबाही मचा सकते हैं।
एक अमेरिकी सैन्य अधिकारी के मुताबिक, हाल ही में जब अमेरिका ने लाखों लोगों को बचाया तो इस दौरान अमेरिका और तालिबान के बीच पेशेवर संबंध थे। क्योंकि तालिबान ने अमेरिकी नागरिकों को एयरपोर्ट तक पहुंचने में भी मदद की।
अमेरिकी सेना के जनरल मार्क मिले ने कहा है कि तालिबान एक क्रूर संगठन है। इसमें बदलाव होगा या नहीं इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। जनरल मार्क मिले ने कहा कि कोई भी भविष्य में तालिबान के साथ सहयोग के बारे में अनुमान नहीं लगा सकता है, लेकिन आईएसआईएस-के को खत्म करने के लिए दोनों को एक साथ आना होगा।