डेस्क न्यूज़- काबुल एयरपोर्ट पर हुए धमाके के बाद अमेरिका ने हवाई हमले के लिए जिम्मेदार आईएस खुरासान के आतंकी को ढेर कर दिया। लेकिन अब एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि अमेरिका ने आतंकियों की पहचान करने में गलती की और आतंकियों को निशाना बनाने की बजाय सहायता कर्मी को ही निशाना बनाने की आशंका हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिकी हवाई हमले में आतंकवादियों की जगह निर्दोष लोगों की जान चली गई। न्यूयॉर्क टाइम्स के एक वीडियो विश्लेषण से पता चलता है कि अफगानिस्तान में 29 अगस्त को हवाई हमले में इस्लामिक स्टेट-खोरासान प्रांत (ISKP) के आतंकवादियों के बजाय संयुक्त राज्य अमेरिका ने गलती से अपने स्वयं के सहायता कार्यकर्ता को निशाना बनाया होगा।
दरअसल, काबुल हमले के 48 घंटे बाद ही अमेरिका ने एयरस्ट्राइक कर इस्लामिक स्टेट खुरासान के लिए जिम्मेदार आतंकियों को मार गिराने का दावा किया था। काबुल हमले में 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे, जबकि कुल 200 से ज्यादा लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर अफगान नागरिक थे। जो बाइडेन ने काबुल हमले के बाद ही आतंकियों से बदला लेने का वादा किया था और कहा था कि वो जहां भी होंगे अमेरिका उन्हें ढूंढ कर मार डालेगा और 29 अगस्त को एयर स्ट्राइक कर आतंकियों से बदला लेने का दावा किया था।
पेंटागन ने कहा कि उसने एक हवाई हमले में काबुल बमबारी के मास्टरमाइंड इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी को मार गिराया है। लेकिन अब अमेरिका की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अमेरिका के हमले में आतंकियों की जगह गलती से 10 मासूमों की मौत हो गई। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, अमेरिकी हमले में बच्चों समेत कम से कम 10 नागरिक मारे गए।
काबुल निवासी आइमल अहमदी ने कहा कि 29 अगस्त को अमेरिकी हवाई हमले में जिस कार को निशाना बनाया गया था, उसे उसका भाई एजमाराई अहमदी चला रहा था, जिसमें उसकी छोटी बेटी, भतीजा और भतीजी सवार थे। वे सभी अमेरिकी हवाई हमले में मारे गए है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने सुरक्षा कैमरे के फुटेज का विश्लेषण करते हुए कहा कि अमेरिकी सेना ने मारे गए अहमदी और एक सहयोगी को पानी के कनस्तरों को लोड करते और अपने बॉस के लिए एक लैपटॉप ले जाते हुए देखा होगा।
रिश्तेदारों ने कहा कि एजमाराई अहमदी ने कैलिफोर्निया स्थित सहायता और लॉबिंग ग्रुप न्यूट्रिशन एंड एजुकेशन इंटरनेशनल के लिए एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में काम करता था और वह खुद उन हजारों अफगानों में से थे जिन्होंने संयुक्त राज्य में पुनर्वास के लिए आवेदन किया था। इधर, अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि ड्रोन हमले के बाद बड़ा धमाका हुआ था, जिससे पता चलता है कि वाहन में विस्फोटक थे। हालांकि, न्यूयॉर्क टाइम्स की एक जांच में कहा गया है कि दूसरे विस्फोट का कोई सबूत नहीं मिला। ऐमल अहमदी ने पहले एएफपी को बताया कि 10 नागरिक मारे गए थे, जबकि अमेरिकी अधिकारियों ने तीन नागरिकों की मौत को स्वीकार किया और तर्क दिया कि हवाई हमले ने आतंकवादियों को एक और हमला करने से रोका।