इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शुरू हुई जंग को 10 दिन से अधिक हो गए हैं. इस दौरान इजरायल की ओर से हमास के चरमपंथियों पर लगातार बमबारी की जा रही है. इसके बीच इजरायल ने चीन की एक हरकत पर भी उसे कड़ा संदेश देकर अपना विरोध दर्ज करवाया है.
दरअसल चीन में इजरायल के दूतावास ने सरकारी टीवी चैनल सीसीटीवी के
विदेशी चैनल द्वारा गजा और दूसरे स्थानों पर जारी हिंसा पर चर्चा संबंधी
कार्यक्रम में घोर यहूदी विरोध का आरोप लगाया है और इसके खिलाफ अपना
विरोध दर्ज कराया है.
इजरायली दूतावास ने इस संबंध में एक ट्वीट भी किया है.
इसमें उसने कहा है, 'हमने उम्मीद की थी कि दुनिया को यहूदियों द्वारा
नियंत्रित करने जैसे षड्यंत्रकारी सिद्धांतों का दौर चला गया है,
पर दुर्भाग्य से यहूदी विरोध एक बार फिर अपना घिनौना चेहरा लेकर सामने आ रहा है.'
इसके साथ ही ट्वीट में कहा गया है, 'चीन के एक आधिकारिक मीडिया संगठन
द्वारा व्यक्त किए गए घोर यहूदी विरोध को देखकर हम स्तब्ध हैं.'
दूतावास के प्रवक्ता एरेज काट्ज वोलोवेलस्की ने कहा कि दूतावास को अपने ट्वीट में कुछ और नहीं जोड़ना है और उसे अब तक सीजीटीएन से कोई जवाब नहीं मिला है. सीसीटीवी विदेशी दर्शकों के लिए इसका संचालन करता है जैसे रूस का आरटी है.
मंगलवार को सीजीटीएन चैनल के प्रस्तुतकर्ता झेंग जूनफेंग ने सवाल उठाया था कि इजराइल के लिए अमेरिकी सहयोग क्या सचमुच साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है. उन्होंने कहा, 'कुछ लोग मानते हैं कि अमेरिका की इजरायल की पक्षधर नीति में अमेरिका पर सम्पन्न यहूदियों का प्रभाव और अमेरिकी विदेश नीति निर्माताओं पर यहूदियों की लॉबी का प्रभाव दिखता है.'
झेंग ने कहा, 'यहूदियों का वित्त एवं इंटरनेट क्षेत्रों में वर्चस्व है. तो क्या उनके पास शक्तिशाली लॉबी है जैसा कुछ लोग कहते हैं? हो सकता है.' झेंग ने फिर चीन के सबसे बड़े भूराजनीतिक प्रतिद्वंद्वी अमेरिका पर पश्चिम एशिया में इजरायल को मोर्चाबंदी के लिए एक चौकी के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. सीसीटीवी ने तत्काल इसपर कोई टिप्पणी नहीं की.