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Monkey Pox: सरकारी एजेंसियों का अलर्ट जारी, भारत में हो सकती है मंकीपॉक्स की एंट्री?

डब्ल्यूएचओ की मंकीपॉक्स को लेकरआपात बैठक के बाद भारतीय एजेंसियों ने बीमारी के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए निगरानी बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए है, हालांकि भारत में अभी तक मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है।

Lokendra Singh Sainger

कोरोना से अभी पूरी तरह निजात नहीं मिली इतने अब मंकीपॉक्स ने भी देश-दुनिया में दस्तक दे दी है। आजकल पश्चिमी देशों में इसी की चर्चा सुनने को मिल रही है। मंकीपॉक्स ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूरोप के 9 देशों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। यहां मंकीपॉक्स के 100 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।

WHO का मंकीपॉक्स पर बुलाई आपात बैठक

डब्ल्यूएचओ ने इसे लेकर आपात बैठक बुलाई और अलर्ट जारी किया। यूएन की ओर से यह भी कहा गया है कि मंकीपॉक्स के और भी मरीज सामने आ सकते हैं। क्योंकि इस बीमारी का संक्रमण उन देशों में तेजी से फैल रहा है, जहां आमतौर पर यह बीमारी नहीं थी।

WHO ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह बीमारी आमतौर पर वहीं पाई जाती है जहां जानवर ज्यादा होते हैं। इसलिए, अब डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ इस वायरस के प्रसार की सीमा और इसके कारण को बेहतर ढंग से समझने के लिए काम कर रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अब यह 11 देशों में फैल चुका है। डब्ल्यूएचओ की ओर से यह भी बताया गया कि यह वायरस पहले भी दुनिया में मौजूद था, लेकिन तब स्थिति सामान्य थी, अब इसके फैलने की स्थिति असामान्य है।

भारत सरकार ने किया अलर्ट जारी

1950 में अफ्रीका में शोध के लिए इस्तेमाल किए जा रहे बंदरों में यह बीमारी पाई गई थी। इसलिए ही इसका नाम मंकीपॉक्स पड़ा। भारत में अब तक मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन निगरानी बढ़ा दी गई है। कोरोना संकट के बाद भारत सरकार मंकीपॉक्स को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. इसीलिए अब से केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को विदेश से आने वाले यात्रियों की विशेष निगरानी के निर्देश दिए हैं।

जिसके बाद एयरपोर्ट्स पर सर्विलांस शुरू कर दिया गया है। केंद्र ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को भी अलर्ट जारी किया है।

केंद्र सरकार ने एनसीडीसी और आईसीएमआर को मंकीपॉक्स की स्थिति पर करीब से नजर रखने को कहा है। इसके बाद आईसीएमआर ने मंकीपॉक्स के लक्षणों वाले यात्रियों के सैंपल तुरंत जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी), पुणे की बीएसएल-4 सुविधा की प्रयोगशाला भेजने के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा कि मंकीपॉक्स से मौत भी हो सकती है।

कोरोना संकट के बाद भारत सरकार मंकीपॉक्स को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. इसीलिए अब से केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को विदेश से आने वाले यात्रियों की विशेष निगरानी के निर्देश दिए हैं।

राज्य सरकारों ने दिए जिला सीएमएचओ को निगरानी के आदेश

आईसीएमआर के निर्देश के बाद मध्य प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों के स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के सीएमएचओ को निगरानी के निर्देश दिए हैं. ये राज्य जल्द ही मंकीपॉक्स को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी करेंगे। मंकीपॉक्स के लक्षण मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के पांच दिनों के भीतर बुखार, तेज सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

मंकीपॉक्स शुरूआती दौर में चेचक, खसरा या जैसा लगता है। कुछ दिन के बुखार के बाद त्वचा पर इसका असर दिखना शुरू हो जाता है। शरीर पर दाने निकल आते हैं। हाथों, पैरों, हथेलियों, पैरों के तलवों और चेहरे पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं।

ये दाने 8-10 विभिन्न अवस्थाओं से गुजरते हैं। मरीज को ठीक होने में 4 हफ्ते का समय लगता है। हालांकि डॉक्टरों के मुताबिक 100 में से 10 लोगों में यह बीमारी भयानक रूप ले लेती है, जिससे मरीज की मौत भी हो सकती है।

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