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भाई-बहन के संबंधों पर अश्लील निबंध, यूनिवर्सिटी ने प्रोफेसर को दी ये सजा

पाकिस्तान के इस्लामाबाद की कॉमसैट्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर खैर उल बशर ने छात्रों से अश्लील निबंध लिखवाया, साथ ही अश्लील प्रश्न-उत्तर भी किए। इस पर पाकिस्तान विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने जांच के आदेश देते हुए प्रोफेसर को बर्खास्त कर दिया है।

Lokendra Singh Sainger

एक अच्छा शिक्षक देश के भविष्य की नींव रखता है ऐसा कहा जाता है लेकिन पाकिस्तान के इस्लामाबाद की कॉमसैट्स यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर की करतूतों ने शर्मसार करने का काम किया है। अगर एक शिक्षक ही पढ़ाई की जगह अपने विधार्थियों से अश्लील बातें या अश्लील निबंध लिखवाता हो तो सोचिए उसकी मानसिक स्थिति कैसी होगी।   

ये सच है कि शिक्षा से सोच बदलती है पर यहां हकीकत कुछ और है, जिसने छात्रों को एक निबंध लिखने को दिया जो बेहद अश्लील मुद्दे पर था।

न्यूयॉर्क पोस्ट वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामाबाद स्थित कॉमसैट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर खैर उल बशर ने ऐसा काम किया है, जिससे पाकिस्तान ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी उनकी काफी आलोचना हो रही है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक बैचलर ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए इंग्लिश कॉम्प्रिहेंशन एंड कंपोज़िशन पर एक क्विज पिछले साल 4 और 5 दिसंबर को आयोजित किया गया था। जिसे खैल-उल-बशर ने आयोजित किया था। 15 अंकों की इस क्विज में जूली और मार्क नाम के एक भाई-बहन से जुड़ी कहानी लिखी गई थी, जिसके आधार पर छात्रों को 300 शब्दों में एक निबंध लिखना था।

'भाई-बहन' पर लिखवाई गई अश्लील कहानी

इस भाई-बहन से जुड़ी कहानी में कहा गया था कि दोनों कॉलेज की गर्मी की छुट्टियों में फ्रांस गए थे। एक रात वे बीच के एक कमरे में रुके और दोनों ने आपसी सहमति से संबंध बनाने का फैसला किया। दोनों ने फैसला किया कि वे ऐसा दोबारा नहीं करेंगे और यह उनका राज बना रहेगा।

कहानी के बाद प्रश्न पूछा गया कि क्या उन दोनों का ऐसा करना उचित था? अपने विचार 300 शब्दों में लिखिए। चौंकाने वाली बात यह है कि प्रोफेसर ने इस्लामी नियम-कायदों के बावजूद ऐसा सवाल पूछने की हिम्मत की।

प्रोफेसर पर जांच के आदेश

पाकिस्तान सरकार के अधीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जांच का आदेश दिया गया था और इस मामले में तुरंत संज्ञान लिया गया था। उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया और COMSATS यूनिवर्सिटी से ब्लैकलिस्ट भी कर दिया गया है। न्यूयार्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक पहली बार यह विवादित सवाल साल 2000 में यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया में जोनाथन ने पूछा था।

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