डेस्क न्यूज. विश्वभर में हमले हो रहे है लेकिन इन हमलों में कोई खूनखराबा नहीं हो रहा है लेकिन इसके बाद भी विश्वभर में चिंता का माहौल है। महाशक्ति कहलाने वाले देश चिंता में है। लेकिन ऐसा कौन-सा हमला हो गया है जिसने विश्वभर का माहौल गर्म कर दिया है। तो आइए आपको बताते है इसके बारे में...
रूस पूर्वी यूरोप में अपने सैन्य अड्डो पर लगातार गतिविधि बढा रहा है इसी के चलते रूस ने यूक्रेन की सीमा पर लगभग ढाई लाख अतिरिक्त सैनिकों को तैनात कर दिया हैं। लेकिन ये तो बता हुई सैन्य तैयारी की। इसी के साथ-साथ रूस ने यूक्रेन पर साइबर हमले करने की भी योजना को धरातल पर उतारना शुरु कर दिया है और इसी रणनीति के तहत ही रूस यूक्रेन के पावर ग्रिड, बैंकिंग सिस्टम और अन्य प्रतिष्ठानों पर हमला कर सकता है। लेकिन ये बात सामने आने के बाद अमेरिका कहा पिछे हटने वाला था, इस लिए अपनी तैयारी के तहत ब्रिटेन ने पूर्वी यूरोप के मोर्चे पर अपने साइबर विशेषज्ञों को जर्मनी रवाना कर दिया है।
रूस ने यूक्रेन से लगती अपनी सीमा पर लगभग पौने 2 लाख अतिरिक्त सैनिक लगाए हैं।
“सायबर हमला” एक ऐसा हमला जिसमें बंदूक, गोला-बारुद, टैंक की जरूरत नहीं होती है। लेकिन उसके बाद भी ये एक देश को बर्बाद करने के लिए काफी है। आज हमें इंटरनेट से काफी सुविधा है एक सर्च पर हम कुछ भी पता लगा सकते है खाने से लेकर कहीं जाने तक सभी चीजे हमें बस अपने एक क्लिक पर मिल सकती है। लेकिन जितनी इससे सुविधा नहीं है उससे कहीं ज्यादा ये हमारी मुसीबत को बढा सकता हैं इसका करण है सायबर हमला। शायद आपको पता भी ना चले और आप कब इसका शिकार हो जाए। आधुनित तकनीक ने हमारी जिंदगी को जितना आसान बनाया है उससे कही ज्यादा इसके कारण चिंता बढ़ गई है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज ये और भी खतरनाक है। आज पूरी दुनिया इंटरनेट पर तो आ गई है लेकिन क्या हम सायबर हमले से बचने के लिए तैयार है?
रूस ने 2015 में यूक्रेन में साइबर हमला किया था। इसके तहत रूस ने यूक्रेन के पावर ग्रिड को ठप कर दिया था। करीब ढाई लाख लोगों को कई दिनों तक बिना बिजली के रहना पड़ा।
बैकिंग सेक्टर पर भी इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है। अगर साइबर हमला होता है तो आम जन की मुश्किल बढ जाएगी। हो सकता है लोगों के अकाउंट का बैंलेस भी जीरो हो जाए।
नाटो ने यूक्रेन की मदद के लिए अपने पूर्वी यूरोपीय ठिकानों पर हाइपरसोनिक मिसाइलें तैनात की हैं। रूसी राष्ट्रपति का कहना है कि वह पांच मिनट में मास्को पर हमला कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक रूस ने अगले साल की शुरुआत में यूक्रेन की सीमा पर जिरकोन हाइपरसोनिक मिसाइल तैनात करने की भी योजना बनाई है। इसकी गति 6140 किलोमीटर प्रति घंटा है।
रूस के सैन्य हमलों से निपटने के लिए अमेरिका अब तक यूक्रेन को करीब 18 हजार करोड़ रुपये दे चुका है. इसमें सैन्य उपकरण भी शामिल हैं। रूस ने हाल ही में शांति बहाली के लिए आठ सूत्री एजेंडा जारी किया था। इसने पोलैंड, रोमानिया से रक्षा प्रणालियों को वापस लेने और एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया से नाटो बलों की वापसी की मांग की है।
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