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पश्चिमी देशों के रूस पर प्रतिबंध, पुतिन ने कहा आर्थिक प्रतिबंधों को झेलने की है ताकत

Raunak Pareek

यूक्रेन से युद्ध के बाद रुस पर कई तरह के प्रतिबंध पश्चिमी देशों के द्वारा लगाए जा रहे है. इस पर रूस के प्रवक्ता दमित्री पेश्कोव ने कॉन्फ्रेंस कॉल के ज़रिये पत्रकारों को यह कहते सुना कि उनके देश ने पश्चिमी देशों की ओर से लगाए आर्थिक प्रतिबंधों से होने वाली परेशानी से बाहर निकलने के प्लान तैयार कर लिए है. आपको बता दे की पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंधों से रूसी मुद्रा रूबल में गिरावट देखने को मिल रही है.

''रूस पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंध काफी कड़े हैं लेकिन हमारे पास इससे होने वाले घाटे की भरपाई के लिए ताकत और क्षमता है. पुतिन आर्थिक मसलों को सुलझाने पर काम करेंगे. वह वित्त मंत्री, केंद्रीय बैंक के गवर्नर समेत प्रमुख मंत्रियों से मिलेंगे. ''
पेश्कोव ने कहा

ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने पश्चिमी देशों के वित्तीय बाजारों से रूस के बैंकों का संपर्क काट दिया है. जिसके बाद अब रूस के केंद्रीय बैंक,सरकारी निवेश फंड और वित्तीय मंत्रालय से उनका कारोबार बंद पूरी तरह से बंद है. इसकी वजह से रूस के केंद्रीय बैंक की प्रमुख ब्याज दरें 9.5 फीसदी से बढ़कर अब 20 प्रतिशत तक हो गई है.

इन हालात के बाद रूसी प्रवक्ता ने अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए की जाने वाली कोशिशों का हवाला दिया है.

आर्थिक प्रतिबंधों के कारण डॉलर की तुलना में रूस की मुद्रा रूबल की कीमत में काफी तेजी से नीचे गिर रही है. इससे रूस की खरीद क्षमता कमजोर हो सकती है. जिससे आम रूसियों की बचत खत्म हो सकती है.

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