डेस्क न्यूज़- टोक्यो ओलंपिक में अब बस 2 महीने बचे हैं। इससे पहले देश में इसके आयोजन को लेकर काफी हंगामा हो चुका है। स्थानीय लोग ओलंपिक के खिलाफ हैं और इसके लिए प्रदर्शन भी कर रहे हैं। साथ ही अब कई प्रांतों के गवर्नर्स ने भी अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति और आयोजकों को बड़ा झटका दिया है।
चिबा और कानागावा प्रांतों के गवर्नर्स ने टूर्नामेंट के
दौरान संक्रमित होने वाले ओलंपिक एथलीटों के लिए
बेड की व्यवस्था करने से इनकार कर दिया है। वहीं,
31 शहरों ने विदेशी खिलाड़ियों की मेजबानी
करने से भी इनकार कर दिया। ओलंपिक 23 जुलाई
से शुरू होने वाली हैं।
चिबा के गवर्नर तोषिहितो कुमागई ने कहा कि हमने ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और पैरालिंपिक पर आयोजन समिति से बात की है। आयोजक चाहते हैं कि हम उन्हें 30 बेड उपलब्ध कराएं। जापान में जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसा होना मुश्किल है।
मंगलवार को, कनागावा के गवर्नर ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा कि वह ओलंपिक एथलीट के लिए बेड उपलब्ध नहीं करा सकते। यहां की चिकित्सा व्यवस्था पहले से ही काफी जूझ रही है।
इससे पहले 31 शहरों ने विदेशी एथलीटों की मेजबानी करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वे ट्रेनिंग कैंप्स के लिए किसी अन्य देश के खिलाड़ियों की मेजबानी नहीं कर सकते। इसमें ओनो सिटी और चिबा प्रान्त जैसे शहर शामिल हैं। लगभग 120 अमेरिकी एथलीट चिबा आने वाले थे।
अप्रैल के अंत तक, लगभग 528 नगर पालिकाओं ने खुद को पंजीकृत किया है और ओलंपिक के लिए 184 देशों के खिलाड़ियों की मेजबानी करने के लिए तैयार हैं। जापान सरकार इन सभी ऑनलाइन माध्यमों के संपर्क में है।