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पाक-चीन की तरह तालिबान की चाल: तालिबानी कंधार और हेरात में भारतीय दूतावास में ताला तोड़कर घुसे, कार्यालयों की तलाशी ली

अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आते ही तालिबान ने पैंतरे भी करना शुरू कर दिया है। भारत के साथ वही चाल चल रहा है जो चीन और पाकिस्तान करते रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से यह बात सामने आई है कि तालिबान ने काबुल पर कब्जा करते ही भारत से संपर्क किया था और रिश्ता नहीं तोड़ने की पेशकश की थी. इस बीच सबसे चौंकाने वाली खबर सामने आई है कि तालिबान लड़ाको ने कंधार और हेरात में बंद भारतीय वाणिज्य दूतावासों की तलाशी ली

Manish meena

अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आते ही तालिबान ने पैंतरे भी करना शुरू कर दिया है। भारत के साथ वही चाल चल रहा है जो चीन और पाकिस्तान करते रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से यह बात सामने आई है कि तालिबान ने काबुल पर कब्जा करते ही भारत से संपर्क किया था और रिश्ता नहीं तोड़ने की पेशकश की थी. इस बीच सबसे चौंकाने वाली खबर सामने आई है कि तालिबान लड़ाको ने कंधार और हेरात में बंद भारतीय वाणिज्य दूतावासों की तलाशी ली।

बंद भारतीय दूतावास में घुसा तालिबान

सूत्रों के मुताबिक बुधवार को कुछ तालिबानी आतंकवादी कंधार और हेरात स्थित भारतीय दूतावासों में घुस गए थे और वहां के दस्तावेजों की भी जांच की थी। इसके बाद वे दूतावास के बाहर खड़े कुछ कागजात और कारों को अपने साथ ले गए। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि तालिबान अपने उस वादे के खिलाफ काम कर रहा है जिसमें उसने दुनिया से किसी को नुकसान नहीं पहुंचाने का आश्वासन दिया था।

तालिबान लड़ाको ने कंधार और हेरात में बंद भारतीय वाणिज्य दूतावासों की तलाशी ली

वहीं, हेरात में भी तालिबानी वाणिज्य दूतावास परिसर में घुसकर वाहनों को ले गये। जबकि हक्कानी नेटवर्क कैडर बड़े पैमाने पर काबुल को नियंत्रित करता है, मुल्ला उमर के बेटे और तालिबान सैन्य आयोग के प्रमुख मुल्ला याकूब के नेतृत्व में तालिबान गुट, पश्तूनों की पारंपरिक सीट कंधार से सत्ता और सरकार लेने की योजना बना रहा है। मुल्ला बरादर 18 अगस्त को दोहा से आने के बाद मुल्ला याकूब से मिला हैं।

तालिबान ने अफगानिस्तान और भारत के बीच व्यापारिक संबंध तोड़ दिए

तालिबान के वरिष्ठ नेता शेर मोहम्मद अब्बास ने भारतीय पक्ष से संपर्क किया और उनसे भारतीय दूतावास को बंद न करने का अनुरोध किया। उन्हें तालिबान से किसी तरह का खतरा नहीं होगा, लेकिन गुरुवार को तालिबान ने अफगानिस्तान और भारत के बीच व्यापारिक संबंध तोड़ दिए। अब वहां से कुछ भी आयात नहीं किया जा सकता है और कुछ भी निर्यात नहीं किया जा सकता है।

मोहम्मद अब्बास स्टैनकजई तालिबान का एक महत्वपूर्ण सदस्य है

हाल ही में भारत ने अपने 200 लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला था। इससे ठीक पहले तालिबान नेता मोहम्मद अब्बास ने भारत को दोस्ती का ऑफर दिया था। मोहम्मद अब्बास कतर की राजधानी दोहा में तालिबान के राजनीतिक मोर्चे के नेतृत्व के एक प्रमुख सदस्य हैं और हमेशा अफगानिस्तान में भारत की भूमिका का आलोचक रहा हैं। ऐसे में दोस्ती के संदेश ने भारतीय अधिकारियों को भी हैरान कर दिया था.

भारत को खुफिया रिपोर्ट मिली थी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत को तालिबान से कुछ खुफिया जानकारी मिली थी। इसके तहत भारत को सूचना मिली थी कि तालिबान के कब्जे में होते ही लश्कर और हक्कानी के आतंकवादी काबुल में घुस गए हैं, जिससे भारतीय दूतावास के अधिकारियों को खतरा हो सकता है। इसलिए भारत ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अपने राजनयिकों को सैन्य विमानों से वापस बुला लिया था।

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