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टोक्यो ओलंपिक: हाई जंप में अद्भुत संयोग देखने को मिला, दो खिलाड़ीयो को दिये गया एक साथ स्वर्ण पदक, जानिए पुरी खबर

ओलंपिक के हाई जंप फाइनल में एक है, जिसमें दो खिलाड़ीयो कतर के मुताज़ एसा बार्शिम और इटली के जियानमार्को तांबेरी ने स्वर्ण पदक जीता

Manish meena

ओलंपिक के हाई जंप फाइनल में एक है, जिसमें दो खिलाड़ीयो कतर के मुताज़ एसा बार्शिम और इटली के जियानमार्को तांबेरी ने स्वर्ण पदक जीता।

दो खिलाड़ीयो कतर के मुताज़ एसा बार्शिम और इटली के जियानमार्को तांबेरी ने स्वर्ण पदक जीता

दो घंटे की कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद दोनों खिलाड़ी 2.37 मीटर की

सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड दर्ज करने में सफल रहे।इसके बाद दोनों खिलाड़ियों

को कूदने का मौका दिया गया, लेकिन अपनी खेल भावना के प्रदर्शन

में दोनों ने आपस में अपना खिताब साझा करने के लिए हामी भर दी जिसका काफ़ी जश्न मनाया गया.

1912 के बाद पहली बार ऐसा संयोग

दोनों ने 2.39 मीटर के ओलंपिक रिकॉर्ड को तोड़ने के तीन असफल प्रयास किए, जो कि एरर-फ़्री रिकॉर्ड रहा।

वे इस टाइटल के एकमात्र अधिकार के लिए आगे भी प्रतियोगिता में भाग ले सकते थे,

लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.इसके बावजूद दोनों खिलाड़ियों ने इतिहास रच दिया।

1912 के बाद ओलंपिक में यह पहली बार था जब एथलेटिक्स में पहली बार

दो खिलाड़ी एक पदक के लिए एक ही पोडियम पर पहुंचे।बेलारूस के मकसिम नेदासेकाउ

ने कांस्य पदक जीता और उन्होंने 2.37 मीटर की छलांग भी लगाई।

लेकिन उन्होंने प्रतियोगिता के दौरान अधिक असफल प्रयास किए।

क़तर के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी

तांबेरी और बार्शिम ने एक-दूसरे को गले लगाया और अपने कोच और टीम के

साथियों के साथ जश्न मनाने से पहले अपने-अपने देश के झंडे अपने सिर के ऊपर लहराए।

बार्शिम अपने एक के बाद एक कई विश्व ख़िताबों में इस स्वर्ण पदक को भी लगा सकते हैं क्योंकि वो क़तर के लिए ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं. उनसे पहले शनिवार को फ़ारेस एलबाख़ ने 96 किलोग्राम की वेटलिफ़्टिंग प्रतियोगिता में क़तर के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता था.

तांबेरी जब ट्रैक पर इस जीत का जश्न मना रहे थे तो उनकी टीम के एक अन्य खिलाड़ी लेमॉन्च मार्सेल जैकब्स ने आकर उन्हें गले से लगा लिया। जैकब्स ने पुरुषों की 100 मीटर फाइनल रेस में गोल्ड मेडल जीता।

दोनों ने भयानक चोट खाने के बाद की वापसी

दोनों खिलाड़ी अपने करियर के दौरान कठिन चोटों से उबर चुके हैं, लेकिन बार्शिम का कहना है कि उनका बलिदान इसकी भरपाई के लिए काफी है।वह कहते हैं, "यह आश्चर्यजनक है। यह एक सपने की तरह है और मैं इससे जागना नहीं चाहता।"मैं कई दौर से गुज़रा हूं. पांच सालों से मैं कई चोटों और कई हारों के साथ इसका इंतज़ार कर रहा था. लेकिन आज हम यहां पर इस लम्हे और सभी बलिदानों को साथ साझा करने के लिए हैं. इस लम्हे के लिए वो काफ़ी है."

तांबरी को भीषण चोटें आई हैं, जिससे उन्हें 2016 में रियो ओलंपिक से हटने के लिए मजबूर होना पड़ा और उनके करियर को खतरा पैदा हो गया।वो कहते हैं, "मेरी चोटों के बाद मैं वापसी करना चाहता था, लेकिन अब मेरे पास गोल्ड है जो अद्भुत है. मैंने इसका कई बार ख़्वाब देखा था.""2016 में रियो से पहले मुझसे कहा गया कि इसमें ख़तरा है और मैं आगे कभी भाग नहीं ले पाऊंगा. यह एक लंबी यात्रा रही है."

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