<div class="paragraphs"><p>तुर्की के&nbsp;राष्ट्रपति एर्दोगन</p></div>

तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन

 
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आखिर कैसे टर्की राष्ट्रपति एर्दोगन के इस्लामी राग ने टर्किश करेंसी लीरा को बना दिया डॉलर के मुकाबले 25 प्रतिशत मजबूत

ChandraVeer Singh

तुर्की की मुद्रा पिछले एक साल से लगातार गिर रही थी, लेकिन टर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन की ओर से एक इस्लामी घोषणा ने डॉलर के मुकाबले तुर्की लीरा को अब मजबूत बना दिया है। अब टर्की की मुद्रा लीरा एर्दोगन के इस्लामी गुस्से और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में सक्षम हो गई है। वहीं ब्याज दरों में कटौती के कारण लीरा डॉलर के मुकाबले 25 प्रतिशत मजबूत भी हो गई है। पहले एक डॉलर की कीमत 7.5 लीरा के आसपास थी, जबकि दो दिन पहले यह अंतर बढ़कर 14 लीरा हो गया। अब एर्दोगन की घोषणा के बाद एक डॉलर की कीमत 11.41 लीरा हो गई है।

क्या इस्लामिक कानून टर्किश की अर्थव्यवस्था को बचाएगा?

टर्किश की अर्थवयवस्था के काबू में करने के लिए राष्ट्रपति एर्दोगन इन दिनों तरह-तरह के प्रयोग भी कर रहे हैं। उन्होंने ब्याज दरों में कमी को मुसलमानों और इस्लाम से जोड़ा। अपने आलोचकों को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वे कह रहे हैं कि हम ब्याज दरें कम कर रहे हैं। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि आप मुझसे यही उम्मीद कर सकते हैं। एक मुसलमान के तौर पर मैं वही करूंगा जो इस्लामी कानून हमें करने की इजाजत देता है। मैं ऐसा करना जारी रखूंगा। यह इस्लामी कानून है।

ऐसे लीरा डॉलर के मुकाबले मजबूत हुआ
एर्दोगन ने चार दिन पहले कहा था कि लीरा में बचत करने वालों को कोई नुकसान नहीं होगा। इससे पहले लीरा की गिरती कीमतों से डरकर टर्की के लोगों ने डॉलर खरीदना शुरू कर दिया। इससे टर्की में डॉलर की मांग और बढ़ गई, जबकि लीरा कमजोर पड़ने लगी थी। इसके बाद टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन हरकत में आए और उन्होंने इस्लाम के बढ़ावे और इस्लामिक मुद्रा को ही तवज्जो देने की बात कही। उन्होंने लोगों से लीरा की जगह डॉलर में बचत बंद करने की अपील की।

टर्की का सॉवरेन डॉलर बॉन्ड 2034 के अंकर पर 0.8 सेंट गिरा

एर्दोगन ने लगातार तर्क दिया है कि उच्च ब्याज दरें मुद्रास्फीति की ओर ले जाती हैं, जबकि यह पारंपरिक अर्थशास्त्र के विपरीत है। ब्याज दरों में अंतर के कारण राष्ट्रपति 2019 से अब तक तीन केंद्रीय बैंक गवर्नरों को हटा चुके हैं। पिछले हफ्ते के आंकड़ों से सामने आया है कि केंद्रीय बैंक का अंतरराष्ट्रीय भंडार 22.47 अरब डॉलर तक गिर गया है। ट्रेडवेब के आंकड़ों के अनुसार, तुर्की का सॉवरेन डॉलर बॉन्ड 2034 के अंकर पर 0.8 सेंट गिरा चुका है।

जो बाइडेन शपथ ग्रहण के बाद टर्की पर आर्थिक प्रतिबंधों की घोषणा करने वाले पहले व्यक्ति थे। अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण टर्की की अर्थव्यवस्था इन दिनों संकट में हैं। टर्की अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो का हिस्सा है। अमेरिका ने टर्की पर प्रतिबंध इसलिए लगाया क्यों अमेरिका का मानना है कि रूस का ज़मीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम एस-400 नैटो के तकनीकी मापदंडों पर खरा नहीं उतरता है और ये यूरो-अटलांटिक गठबंधन के लिए ख़तरा बन सकती है। इसके बावजूद टर्की ने रूस से S-400 वायु रक्षा प्रणाली खरीदी। टर्की ने इस प्रणाली का परीक्षण किया है, जिसके बाद अमेरिका ने टर्की पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए।
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