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Ukraine Russia War: जंग के लिए देश लौट रहे 66 हजार यूक्रेनी, क्या रूस पर बनेगा दबाव?

जेलेंस्की ने फेसबुक पर एक वीडियो जारी कर युद्ध जल्द खत्म होने की उम्मीद जताई है। जेलेंस्की ने वीडियो मैसेज में कहा है कि मुझे यकीन है कि जल्दी ही अपने लोगों से कह पाएंगे कि वापस आ जाओ।

ChandraVeer Singh

ukraine russia war: रूस और यूक्रेन के बीच जंग का आज 10वां दिन है। रूसी सैनिक यूक्रेन पर कहर बरपा रहे हैं। आम नागरिक हमले से बचने के लिए बंकर का सहारा ले रहे हैं। इस बीच बड़ी खबर ये आ रही है कि यूक्रेनी नागरिक अब दुबारा देश लौट रहे हैं। ये दावा यूक्रेन की सरकार ने किया है कि रूस से आर-पार की जंग के लिए यूक्रेनी विदेश से लौट रहे हैं। इनकी संख्या 66 हजार से ज्यादा बताई जा रही है।

जेलेंस्की ने फेसबुक पर एक वीडियो जारी कर युद्ध जल्द खत्म होने की उम्मीद जताई है। जेलेंस्की ने वीडियो मैसेज में कहा है कि मुझे यकीन है कि जल्दी ही अपने लोगों से कह पाएंगे कि वापस आ जाओ। वापस आ जाओ क्योंकि अब कोई खतरा नहीं है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की

अब यूक्रेन में जंग ज्यादा दिन नहीं चलेगी

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध अब एक अहम मोड़ पर है। इधर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मंशा से भी साफ दिख रहा है कि अब यूक्रेन में जंग ज्यादा दिन नहीं चलेगी। वहीं रूसी सैनिकों की बात करें तो उन्होंने राजधानी कीव समेत देश के सभी बड़े शहरों में हवाई हमले तेज कर दिए हैं। वहीं यूक्रेन की सरकार भी रूसी सैनिकों को शुरू से ही कड़ी टक्कर दे रही है। यूक्रेन के सैनिक रूसी सैनिकों को रोकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। इसी बीच यूक्रेन से एक बड़ी खबर सामने आई है। दावा किया जा रहा है कि यूक्रेनियन रूसी सैनिकों को जवाब देने के लिए विदेश से यूक्रेन लौट रहे हैं।

यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेज़निकोव की मानें तो रूसी हमलों के कारण विदेश गए यूक्रेनियन लौट रहे हैं। उन्होंने बताय कि इनकी संख्या 66 हजार से ज्यादा बताई जा रही है। आलेक्सी ने बताय कि ये सभी नागरिक रूसी सेना से लड़ने के लिए लौट रहे हैं। बात दें कि युद्ध की शुरुआत से ही यूक्रेन की सरकार कई बार आमजन से युद्ध का समर्थन करने की अपील कर चुकी है। इसके लिए सरकार ने सेना भर्ती में सामान्य यूक्रेनियन के लिए आयु सीमा भी हटा दी है।
इधर UNSC में रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर इंडिया के न्यूट्रल रवैये पर बढ़ सकती हैं ​मुश्किलें
इधर यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर कई देश रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ हो गए हैं। इसके तहत रूस पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए जा चुके हैं। लेकिन भारत स्पष्ट रूप से हमले को सही ठहराने से बच रहा है। दूसरी ओर, अमेरिका और यूरोप रूस की सख्त खिलाफत कर चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि रूस पर लगे बैन का असर भारत पर भी पड़ेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रशिया से हथियार खरीदने वाले देशों के खिलाफ अमेरिका कड़ा एक्शन लेने पर काम कर रहा है। जाहिर तौर पर इसका भारत पर भी बड़ा असर पड़ेगा।
मौजूदा स्थिति की बात करें तो भारतीय सशस्त्र बलों के 65% वेपन्स रूस से आते हैं और भारत इनके पार्टस के लिए रूस पर निर्भर है। यदि भारत पर हथियारों खरीदारी को लेकर पाबंदियां लगाई गईं तो भारत को सामरिक स्तर पर नुकसान हो सकता है, वजह ये कि गलवान में हुए भारत-चीन झड़प के बाद, भारत को चीन को शांत करने के लिए रूस के डिप्लोमेटिक सपोर्ट और लेटेस्ट हथियारों की जरूरत है।
अमेरिकी अखबार 'द हिल' के अनुसार बाइडेन प्रशासन इंडिया की ओर से रूस से हथियार खरीदने पर सख्त पाबंदी लगाने पर विचार कर रहा है। दक्षिण एशियाई मामलों के सहायक राज्य सचिव डोनाल्ड लू का कहना है कि हम यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि जो तकनीक हम भारत के साथ साझा कर रहे हैं उसका फायदा रूस न उठाए। क्योंकि भारत-रूस संबंध अच्छे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका लगातार भारत से यूक्रेन पर रूस के हमले के खिलाफ क्लियर स्टैंड लेने की बात कह रहा है।

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