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पुतिन की अलग राज्य की मान्यता देने की ये है रणनीति, यूक्रेन के लुहांस्क-डोनेट्स्क में घुसी रूसी सेना, रूस के अटैक की बड़ी संभावना

पुतिन के इस निर्णय के बाद इंटरनेशनल सिक्योरिटी एक्सपट्र्स की मानें तो इससे यूक्रेन पर रूस के हमले की पश्चिम देशों की संभावना के बीच तनाव और बढ़ सकता है। पुतिन ने राष्ट्रपति की सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद यह घोषणा की

ChandraVeer Singh

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस सपोर्टिव अलगाववादी क्षेत्रों (डोनेत्स्क और लुहांस्क) को देर रात आजाद देश की मान्यता दे दी। पुतिन के इस निर्णय के बाद इंटरनेशनल सिक्योरिटी एक्सपट्र्स की मानें तो इससे यूक्रेन पर रूस के हमले की पश्चिम देशों की संभावना के बीच तनाव और बढ़ सकता है। पुतिन ने राष्ट्रपति की सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद यह घोषणा की, जिससे रूस के लिए मास्को समर्थित विद्रोहियों और यूक्रेनी बलों के बीच संघर्ष के लिए खुले तौर पर बल और हथियार भेजने का रास्ता साफ हो गया है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक शुरू हो चुकी है। पश्चिमी देशों को इस बात का डर है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है और वह पूर्वी यूक्रेन में झड़पों को हमला करने के लिए बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है।

रूसी सेना लुहांस्क-डोनेट्स्क में घुसी।

पूर्वी यूक्रेन में झड़पों को रूस हमले का बहाना बता सकता है
इधर पश्चिमी देशों को डर सता रहा है कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है और पूर्वी यूक्रेन में झड़पों का इस्तेमाल हमले के बहाने के रूप में कर सकता है। इससे पहले, यूक्रेन के अलगाववादी नेताओं ने एक टेलीविज़न बयान में रूसी राष्ट्रपति से अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने और दोस्ती संधियों पर हस्ताक्षर करके उनके खिलाफ चल रहे यूक्रेनी सैन्य हमलों से बचाने का आग्रह किया। उन्होंने सैन्य सहायता भेजने के लिए भी कहा।
रूस के निचले सदन ने भी पिछले हफ्ते इसी तरह की अपील की थी। पुतिन ने रूसी सांसदों से यूक्रेन के विद्रोही क्षेत्रों के साथ संधियों पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया, ताकि उन्हें मास्को का सैन्य समर्थन मिल सके।

रूस के सोलोटी में दक्षिण की ओर बढ़ रही एक बख़्तरबंद बटालियन इस सेटेलाइट इमेज में देखी जा सकती है।

यूरोपीय संघ ने कहा अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन
साथ ही, यूरोपीय संघ ने अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन में यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को मान्यता देने के रूस के कदम को बुलाया और कहा कि यह इसमें शामिल लोगों पर प्रतिबंध लगाएगा। इसने यूक्रेन की स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए अपना समर्थन दोहराया।
अमेरिका ने लगाया बैन
जिन क्षेत्रों को रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने मान्यता दी है उन पर संयुक्त राज्य अमेरिका ने सोमवार को पूर्वी यूक्रेन में वित्तीय प्रतिबंधों की घोषणा की है। अमेरिका ने चेतावनी दी है कि यदी जरूरी हुआ तो वह और बड़ी कार्रवाई करने के लिए तैयार है। व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने कहा, "राष्ट्रपति जो बाइडेन यूक्रेन के तथाकथित डीएनआर और एलएनआर क्षेत्रों में या उससे अमेरिकी व्यक्तियों द्वारा नए निवेश, व्यापार और अन्य फाइनेंशियल एन्हेंसमेंट को बैन करने वाला एक कार्यकारी आदेश जारी करेंगे।"
ब्लिंकन ने कहा- पुतिन की कूटनीति सीधे तौर पर यूक्रेन की संप्रभुता पर सीधा हमला
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रूस द्वारा अलगाववादी क्षेत्रों की मान्यता को एक संकेत के रूप में खारिज कर दिया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कूटनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है। ब्लिंकन ने कहा कि क्षेत्रों की स्वतंत्रता की मान्यता रूस की कूटनीति के लिए दावा की गई प्रतिबद्धता के साफ तौर पर विपरीत है और ये यूक्रेन की संप्रभुता पर एक स्पष्ट हमला है।
उन्होंने एक अलग ट्वीट में कहा, "रूस का फैसला राष्ट्रपति पुतिन के अंतरराष्ट्रीय कानून और मानदंडों के अनादर का एक और उदाहरण है।" एक अलग ट्वीट में, उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका भागीदारों के साथ समन्वय में उचित कदम उठाएगा।
व्हाइट हाउस ने कहा कि पुतिन द्वारा क्षेत्रों को आजाद मानने के बाद बाइडेन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादि​मीर ज़ेलेंस्की से 35 मिनट तक फोन पर बात की। बाइडेन के फोन कॉल का मकसद यूक्रेन की संप्रभुता के प्रति अमेरिकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करना बताया। उन्होंने रूस पर प्रतिबंधों की योजना के बारे में भी विस्तार से बात की।
बेलारूस में लगभग 30,000 सैनिकों को तैनात किया
बता दें कि रूस ने रविवार को यूक्रेन की उत्तरी सीमाओं के पास सैन्य अभ्यास बढ़ा दिया था। उसने बेलारूस में लगभग 30,000 सैनिकों को तैनात किया है, जो यूक्रेन की उत्तरी सीमा की सीमा में है। इसने यूक्रेन की सीमाओं पर 150,000 सैनिकों, युद्धक विमानों और अन्य डिवाइसेज को भी तैनात किया है। बता दें कि कीव की आबादी लगभग 30 मिलियन है।
वहीं भारत अपने लोगों की सुरक्षा में जुटा
इधर यूक्रेन में जारी तनाव को देखते हुए भारत से चार और उड़ानें संचालित की जाएंगी। भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि कीव से दिल्ली के लिए चार उड़ानें 25 फरवरी, 27 फरवरी और 6 मार्च, 2022 को संचालित होंगी। इस बीच, एयर इंडिया की विशेष उड़ान मंगलवार सुबह यूक्रेन के लिए रवाना की गई है। यूक्रेन के खार्किव से 256 भारतीय छात्र स्वदेश लौटेंगे। फ्लाइट आज रात 10.15 बजे देश लौट जाएगी। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एयर इंडिया की फ्लाइट ड्रीमलाइनर बी-787 को यूक्रेन भेजा गया है और इसकी क्षमता 200 यात्रियों की है। बात दें कि रूस और यूक्रेन के बीच तनाव के बाद भारत ने वहां से अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए पहले ही विशेष उड़ानों की घोषणा कर दी थी।

भारत ने जाहिर किया अपना रुख

रूस-यूक्रेन तनाव पर संयुक्त राष्ट्र में भारत का रुख बताते हुए टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच सीमा पर तनाव गहरी चिंता का विषय बनाया है। इस क्षेत्र में रूस का कदम शांति और सुरक्षा को कमजोर करेगा। हम दोनों पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं। हम अपील करते हैं। हमारा मानना है कि इस मुद्दे को केवल और केवल राजनयिक बातचीत से ही सुलझाया जा सकता है। तनाव को कम करने के लिए जो भी कदम उठाए गए हैं, हमें उन्हें कुछ समय देना होगा।

उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और शांति बनाए रखनी चाहिए। इस तनाव को जल्द से जल्द सुलझाना चाहिए, जो सभी पक्षों को स्वीकार्य हो। वहीं तिरुमूर्ति ने कहा कि राजनयिक प्रयासों को तुरंत तेज किया जाना चाहिए।

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