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Twitter को भारत में डर क्यों लग रहा है, सरकार सोशल मीडिया कंपनियों से क्या चाहती है ?

savan meena

Twitter को भारत में डर क्यों लग रहा है, सरकार सोशल मीडिया कंपनियों से क्या चाहती है ? : केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया। सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर ने 'टूलकिट' जांच मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से उसके दफ्तरों में आने को 'डराने-धमकाने की चाल' बताया।

सरकार ने पुलिस के जरिये डराने-धमकाने संबंधी ट्विटर के आरोप की कड़ी निंदा की और इसे पूरी तरह आधारहीन तथा गलत बताया। सरकार ने कहा कि कंपनी भारत की छवि खराब करने और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर अपनी शर्तें थोपने का प्रयास कर रही है। जानते हैं इस पूरे मामले की जड़ कहां है।

 इस पूरे विवाद की शुरुआत कहां से हुई है?

Twitter को भारत में डर क्यों लग रहा है, सरकार सोशल मीडिया कंपनियों से क्या चाहती है ? : इस पूरे मामले की शुरुआत के पीछे कथित कोविड टूलकिट और मैनिपुलेटेड मीडिया टैग है। पिछले सप्ताह ट्विटर ने कथित 'कोविड टूलकिट' से संबंधित भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक कोविड टूलकिट से जुड़ा ट्वीट किया था।

पात्रा के ट्वीट में आरोप लगाया गया था कि कांग्रेस ने एक टूलकिट बनाकर कोरोना वायरस के नए स्वरूप को भारतीय स्वरूप बनाकर देश और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि खराब करने का प्रयास किया।

उनके ट्वीट को कई बीजेपी नेताओं और मंत्रियों ने रीट्वीट किया। ट्विटर ने संबित पात्रा के इस ट्वीट को (Manipulated Media) बताया था। इनमें बीजेपी के राज्यसभा सांसद विनय सह्रबुद्धे, बीजेपी नेशनल सोशल मीडिया इंचार्ज प्रीति गांधी, आंध्र प्रदेश के सह प्रभारी सुनील देवधर, बीजेपी मीडिया पैनलिस्ट चारू प्रज्ञा ने भी ट्वीट किया था। केंद्र की तरफ नोटिस जारी कर मैनीपुलेट मीडिया का टैग हटाने को कहा गया। ट्विटर ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।

दिल्ली पुलिस के नोटिस पर ट्विटर ने क्या कहा?

दिल्ली पुलिस के नोटिस को ट्विटर ने खतरे जैसा बताया है। कंपनी ने कहा, 'हम पुलिस के डराने-धमकाने की रणनीति के इस्तेमाल से चिंता में हैं। हमारे कर्मचारियों की सुरक्षा और लोगों की बोलने की आजादी पर भी खतरा है।'

 ट्विटर की 'आजादी पर खतरा व धमकी' वाले बयान पर सरकार क्या कह रही है?

केंद्र सरकार ने इन आरोपों को झूठ बताया है। आईटी मंत्रालय ने गुरुवार को कहा, 'ट्विटर को धमकी मिलने की बात गलत है। यह कंपनी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर अपनी शर्तें थोपने की कोशिश कर रही है। हमारे आदेशों का जानबूझकर पालन नहीं कर रही है। साथ में भारत की कानून-व्यवस्था को कमजोर करने को कोशिश कर रही है।

 ट्विटर के आरोप पर दिल्ली पुलिस क्या कह रही है?

पुलिस ने कहा कि ट्विटर एक काल्पनिक डर का माहौल बना रही है। कंपनी के इंडिया के एमडी को जो नोटिस भेजा गया था, उसमें उनको आरोपी नहीं बनाया गया है। ट्विटर खुद ही जांच करके फैसला सुना रहा है। जबकि उसके पास ऐसी कोई कानूनी मान्यता नहीं है। जांच का अधिकार पुलिस के पास है, जबकि फैसला सुनाने के लिए कोर्ट।

 ये मैनिपुलेटेड मीडिया क्या चीज है?

ट्विटर दरअसल विडियो, ऑडियो और तस्वीर सहित किसी भी ऐसे मीडिया को मैनिपुलेटेड बताता है जिसमें दूसरों को झांसा देने के लिए बदलाव किए गए हों या जिसे जानबूझकर गढ़ा गया हो। इस कैटिगरी में किसी ट्वीट को तभी रखा जाता है, जब उससे कोई नुकसान होने का खतरा हो। ट्विटर ने इस टैग की शुरुआत मार्च 2020 में की थी।

 ट्विटर के मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग नहीं हटाने वाले रुख के बाद क्या हुआ?

इसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल 24 मई की शाम को दिल्ली और गुड़गांव में ट्विटर इंडिया के कार्यालयों पर छापा मारा। अधिकारियों ने कहा कि कथित 'COVID टूलकिट' मामले में ये छापेमारी की है। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने कथित 'COVID-19 टूलकिट' के संबंध में एक शिकायत की जांच के संबंध में ट्विटर को एक नोटिस भी भेजा था।

सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नए नियम क्या हैं?

 नए नियमों के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को शिकायतों की जांच और उन्हें निपटाने का सिस्टम बनाना होगा। देश में इसके लिए अधिकारी नियुक्त करने होंगे। 36 घंटे में न्यूडिटी, महिलाओं से छेड़छाड़ या आपत्तिजनक कंटेट हटाना होगा। इसके साथ ही सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से नये नियमों को लेकर अनुपालन रिपोर्ट मांगी है।

सोशल मीडिया के लिए लागू नए नियमों पर ट्विटर क्या कह रही है

सोशल मीडिया कंपनियों के लिए देश में लागू हुए नए नियमों का पालन करने के लिए ट्विटर ने सरकार से 3 महीने का वक्त मांगा है। कंपनी ने अपने बयान में कहा, 'हम अपनी सेवाएं जारी रखने के लिए भारत में लागू कानूनों का पालन करने की कोशिश करेंगे। ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा कि वह कानून के दायरे में रहकर पारदर्शिता के सिद्धांतों, हर आवाज को सशक्त बनाने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गोपनीयता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

 नए सोशल मीडिया नियमों पर गूगल की क्या राय है

सोशल मीडिया कंपनी के नए नियमों पर गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा है कि हम हमेशा हर देश के कानूनों का सम्मान करते हैं और इन्हीं के अनुसार चलेंगे। एक आजाद इंटरनेट बुनियादी बात है और भारत में इसकी लंबी परंपरा है। केंद्र सरकार ने फरवरी में नए नियमों का ऐलान किया था, जो 26 मई से लागू हो गए हैं।

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