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Congress President Election: खड़गे को बड़े नेताओं के समर्थन से थरूर नाराज; गहलोत ने खड़ा किया नया विवाद, जानें पूरा मामला

कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे के समर्थन में बड़े नेताओं के उतरने से दूसरे उम्मीदवार शशि थरूर खफा दिख रहे हैं। उन्होंने खुलकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उधर, अशोक गहलोत ने तो पार्टी की गाइड लाइन के विरुद्ध् खड़के का प्रचार कर एक नये विवाद को जन्म दे दिया है।

Lokendra Singh Sainger

कांग्रेस अध्यक्ष पद का जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे कांग्रेस पार्टी में भीतरी गहमागहमी नजर आने लगी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धीरे-धीरे खुलकर उम्मीदवारों के समर्थन में आ रहे है। अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे के समर्थन में G-23 ग्रुप के सदस्य अब खुलकर समर्थन में उतर आये हैं। जबकि दूसरे उम्मीदवार शशि थरूर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर एकपक्षीय होने का आरोप लगा रहे है।

खड़गे का स्वागत, थरूर की नाराजगी

कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर ने नाराजगी जताते हुए 13 अक्टूबर को कहा कि कई प्रदेश में मल्लिकार्जुन खड़गे का स्वागत किया जा रहा है। कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता उनसे मिलकर उनका समर्थन कर रहे है, जबकि उनके साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जा रहा है। उनका कहना था कि वह कोई शिकायत नहीं कर रहे है, लेकिन व्यवस्था में कमियां है। व्यवस्था को लेकर उन्होंने 22 साल तक चुनाव नहीं होना बताया।

क्या कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव की वजह से कांग्रेस में भीतरी दरार का उदय होगा ?  

गहलोत ने कैसे किया विवाद खड़ा

कांग्रेस नेतृत्व के द्वारा मनाने के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष का नामांकन नहीं भरने वाले अशोक गहलोत सीधे तौर पर खड़गे के समर्थन में प्रचार में जुट गये है। गहलोत ने ट्वीटर और फेसबुक पर वीडियो संदेश जारी कर डेलीगेट्स से खड़गे को जिताने की अपील की है। हालांकि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए जारी की गई गाइडलाइन के विरूध्द जाकर सार्वजनिक समर्थन व प्रचार कर पार्टी के लिए नया विवाद खड़ा कर दिया है।

अब देखना होगा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रचार के लिए जारी की गई गाइडलाइन के नियमों की अनदेखी करने पर केन्द्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री क्या ऐक्शन लेते है ?

क्या है कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रचार के नियम

केन्द्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने 3 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए गाइडलाइन जारी की थी, जिसके अनुसार किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार के नियम भी बताए गए थे। इन नियमों के तहत विधायक दल के नेता प्रचार करना चाहते है तो उन्हें भी इस पद को छोड़ने के निर्देश दिए गए है। जबकि विधायक दल के नेता का रहते हुए खड़गे का सार्वजनिक रूप से प्रचार व समर्थन किया है।

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