Nation

Bihar: दुष्कर्म के आरोपी ने सजा से बचने के लिए रचा मरने का नाटक, अर्थी सजाई और पिता ने दी मुखाग्नि!

बिहार के भागलपुर से दुष्कर्म के आरोपी शिक्षक का एक हरैतअंगेज कारनामे का पर्दाफाश हुआ है। दुष्कर्म के मामले में मिली सजा से बचने के लिए डेथ मॉक ड्रिल किया। जिसमें आरोपी शिक्षक ने खुद की चिता सजाई और अपने पिता पर मुखाग्नि दिलवाई।

Lokendra Singh Sainger

बिहार के भागलपुर से एक अजीबोगरीब कहानी सामने आई है। जहां दुष्कर्म के आरोपी शिक्षक ने ऐसा कारनामा किया है। जिसे लेकर हर जगह चर्चा हो रही है। नाबालिग बच्ची से रेप के आरोपी इस टीचर ने जेल जाने से बचने के लिए ऐसा प्लान तैयार किया, जिसे जानकर पुलिस भी हैरान है। योजना ऐसी थी कि स्थानीय प्रशासन ने उसकी मौत पर मुहर भी लगा दी। शातिर शिक्षक सरकारी कागजों में तो मर गया लेकिन असल जिंदगी में जिंदा रहकर जिंदगी का मजा लूटने की कोशिश कर रहा था।

नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी शिक्षक ने जेल जाने से बचने के लिए डेथ मॉक ड्रिल किया। उसने अपने पिता के साथ मिलकर अर्थी को सजाया और इसके बाद वह चिता पर कफन लेकर लेट गया। साथ ही उसने अपने पिता को मुखाग्नि देने का आदेश दिया।

ये कोई फिल्मी स्टोरी नहीं है। या फिर हम किसी उपन्यास के किसी चरित्र के बारे में भी बात नहीं कर रहे हैं। यह घटना बिहार के भागलपुर की है। जहां एक रेप के आरोपी ने जेल जाने से बचने के लिए फुलप्रूफ योजना बनायी, लेकिन आखिरकार उसका शातिर दांव पकड़ में आ गया।

इस मॉक ड्रिल के दौरान आरोपी शिक्षक ने इस बात का ध्यान रखा कि इस कथित अंतिम संस्कार की फोटोग्राफी जरूर की जाए। इसी फोटोग्राफी के आधार पर शातिर शिक्षक ने अपना मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया।

जब यह बात प्रशासन की नजर में आयी तो आरोपी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आरोपी शिक्षिका जिले के ईशीपुर बाराहाट थाना क्षेत्र का रहने वाला बताया जा रहा है। सोमवार को केस खुलने के बाद उसने विशेष पॉक्सो कोर्ट में सरेंडर कर दिया। आरोपी शिक्षक पर 2018 में एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने का मामला दर्ज किया गया था।

आरोपी शिक्षक ने जेल जाने के लिए मॉक ड्रिल की रणनीति अपनाई। उसने प्रशासन की नजर में मृत होने का नाटक किया। कुछ हद तक यह सफल भी रहा। उसने मृत्यु प्रमाण पत्र भी प्राप्त किया। तस्वीर में टीचर के पिता भी उन्हें जलाते नजर आ रहे थे। उस तस्वीर के आधार पर प्रशासन ने उसे मृत मान लिया। उनके पिता ने मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए श्मशान घाट पर खरीदी गई लकड़ी की रसीद भी जमा की। 27 फरवरी 2022 को आरोपी के पिता ने अपने बेटे की फर्जी मौत की जानकारी देकर मृत्यु प्रमाण पत्र ले लिया। उसके बाद जब पीड़िता के वकील उमेश प्रसाद ने इसकी शिकायत जिला लोक शिकायत निवारण अधिकारी से की तो मामला संज्ञान में आया। फिलहाल आरोपी शिक्षक को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

Diabetes से हो सकता है अंधापन, इस बात का रखें ख्याल

बीफ या एनिमल फैट का करते है सेवन, तो सकती है यह गंभीर बीमारियां

Jammu & Kashmir Assembly Elections 2024: कश्मीर में संपन्न हुआ मतदान, 59 प्रतिशत पड़े वोट

Vastu के अनुसार लगाएं शीशा, चमक जाएगी किस्मत

Tiger Parks: भारत के 8 फेमस पार्क,जहां आप कर सकते है टाइगर का दीदार