Election News 2023: तेलंगाना में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। यहां बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, ताकि पार्टी चुनाव में अच्छा कर सके।
बीजेपी यहां भी हिंदुत्व के एजेंडे के जरिए अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। तेलंगाना में रैली करने से पहले पीएम मोदी ने तिरुमला में भगवान वेंकेटश्वर के दर्शन किए। इसे उनकी चुनावी रणनीति का ही हिस्सा माना जा रहा है।
तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए 30 नवंबर यानि गुरुवार को मतदान है। चुनाव प्रचार का शोर थमने से पहले पीएम मोदी ने सियासी माहौल भाजपामय बनाने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। पीएम मोदी ने सोमवार को तिरुमला में भगवान वेंकेटश्वर की विशेष पूजा में शामिल हुए. इसके बाद दो चुनावी रैलियों को संबोधित कर , तो शाम को हैदराबाद में रोड-शो करेंगे। माना जा रहा है कि ये पीएम मोदी के तिरुपति बालाजी दरबार से तेलंगाना को साधने की रणनीति है।
पीएम मोदी रविवार रात विशेष विमान से तिरुपति हवाईअड्डे पहुंच गए थे और सोमवार सुबह तिरुमाला मंदिर पहुंचें। प्रधानमंत्री ने भगवान वेंकेटश्वर के दर्शन किए और कुछ समय मंदिर में बिताया।
भगवान के दर्शन के बाद पीएम मोदी वैदिक विद्वानों का आशीर्वाद और प्रसाद लिया। बालाजी दरबार में हाजिरी लगाने के बाद पीएम तेलंगाना में बीजेपी के चुनावी अभियान को धार देने के लिए उतर जाएंगे। इस तरह हिंदुत्व का एजेंडा चुनावी रण भूमि में सेट करने की कवायद करेंगे।
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी चौथी बार तिरुपति बालाजी के दरबार में दर्शन करने के लिए पहुंचे। 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद 2015 में उन्होंने तिरुपति मंदिर में जाकर दर्शन किए थे। इसके बाद 2017 में दर्शन और पूजा अर्चना की थी। 2019 में दूसरी बार सरकार बनने के बाद बालाजी दरबार में जाकर माथा टेका था। तेलंगाना चुनावी तपिश के बीच पीएम मोदी ने चौथी बार भगवान वेंकटेश्वर की पूजा-अर्चना की माना जा रहा है कि तिरुपति से तेलंगाना के सियासी संदेश देने की रणनीति बीजेपी ने बनाई है।
बीजेपी खुलकर हिंदुत्व का दांव खेलती रही है। अयोध्या में राम मंदिर से लेकर मथुरा और काशी बीजेपी के एजेंडे का हिस्सा रहे हैं। अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो रहा है. पीएम मोदी 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। 23 नवंबर को पीएम ने मथुरा में भगवान कृष्ण के मंदिर में जाकर दर्शन किए। 75 साल में पहली बार मथुरा में दर्शन करने कोई प्रधानमंत्री पहुंचे थे। इसके अलावा देश के तमाम मंदिरों में जाकर पीएम मोदी दर्शन और पूजा अर्चना करते नजर आते हैं।
आमतौर पर माना जाता है कि उत्तर भारत की राजनीति में हिंदुत्व हावी है, लेकिन दक्षिण भारत में भी मंदिर की सियासत जबरदस्त तरीके से हो रही है।
यही वजह है कि बीजेपी हिंदी पट्टी वाले राज्यों की तरह साउथ में भी हिंदुत्व का एजेंडा सेट करने में जुटी है। बीजेपी ने तेलंगाना चुनाव में खुलकर हिंदुत्व कार्ड खेल रही है।
पार्टी ने इस बार एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया और वादा किया है कि सत्ता आते हैं तो मुस्लिमों के चार फीसदी आरक्षण को खत्म कर देंगे।
पीएम मोदी तिरुपति बालाजी दरबार में माथा टेकने के बाद महबूबाबाद और करीमनगर में चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे। इन दो रैलियों के बाद प्रधानमंत्री शाम पांच बजे हैदराबाद में मेगा रोड शो करके बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाएंगे।
हैदराबाद में पीएम मोदी के रोड-शो करने के पीछे भी बीजेपी का सियासी गणित छिपा हुआ है। बीजेपी हैदराबाद नगर निगम चुनाव में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
केसीआर की पार्टी बीआरएस को बीजेपी ने जबरदस्त तरीके से टक्कर दी थी, उस समय अमित शाह से लेकर योगी आदित्यनाथ तक ने हैदराबाद में रोज शो किया था. अब विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी के उतरने से बीजेपी को लाभ मिल सकता है।
मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा गरम होने के बाद समीकरण बदले हैं और बीजेपी रेस में दिख रही है. तेलंगाना में पीएम मोदी की लगातार हो रही जनसभा, मडिगा उप-समूह को लाभ पहुंचाने के लिए अनुसूचित जातियों के वर्गीकरण की घोषणा और एक ओबीसी नेता को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने से भी कई सीटों पर बीजेपी मुख्य मुकाबले में खड़ी नजर आ रही है। बीजेपी ने तेलंगाना चुनाव में मुफ्त की योजनाओं के साथ परिवारवाद और मुस्लिम आरक्षण को भी चुनावी मुद्दा बनाया है।
पिछले चुनावों में बीजेपी ने तेलंगाना में जिस तरह वोट हासिल किए हैं, उससे किंगमेकर बनने की उम्मीद जागी है। 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सिर्फ एक सीट हासिल हुई थी. गोशामहल सीट से टी राजा सिंह ही चुनाव जीतने में सफल रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पहली बार संजीवनी मिली।
पार्टी ने 19.65 फीसदी वोट हासिल किए और चार लोकसभा सीटों पर कब्जा किया। 2018 में उसका वोट प्रतिशत 6.98 प्रतिशत था। लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने तेलंगाना में अपनी रणनीति बदली और केसीआर से राजनीतिक दोस्ती को खत्म कर लिया।
2020 में ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के चुनाव में बीजेपी ने 48 सीटें जीतकर अपनी बढ़ती धमक दिखाई थी और अब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का विकल्प बनने के लिए हिंदुत्व के पिच पर खड़ी नजर आ रही है।