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Kashmir Files: कश्मीरी पंडितों पर कांग्रेस -17 साल में 399 कश्मीर पंडितों और 15 हजार मुस्लिम की हत्या हुई, यूजर्स भड़के तो डिलीट किया ट्वीट

ChandraVeer Singh

हाल ही रिलीज हुई बॉलिवुड हिंदी फिल्म 'कश्मीर फाइल्स' (Kashmir Files) के बाद से अब फिर से कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) की स्थिति को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है। फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर बड़ी बहस छिड़ गई है। इधर केरल कांग्रेस ने कश्मीरी पंडितों के जम्मू-कश्मीर से पलायन को लेकर बारंबार कई ट्वीट किए। इसमें कुछ ऐसे तथ्य रखे कि यूजर्स भढ़क गए। ऐसे में कांग्रेस ने फेक्ट्स वाले ट्वीट हटा दिए। कांग्रेस में कश्मीरी पंडित मुद्दे को लेकर कुछ फैक्ट रखे हैं और इसके तहत कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोला है। इसके बाद सोशल मीडिया पर कांग्रेस का यह हमला उनपर ही भारी पड़ गया। टि्वटर यूजर्स ने कांग्रेस के ही फैक्ट्स पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए।

पूरा मामला क्या है?
दरअसल रविवार को कांग्रेस की केरल इकाई ने कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) को लेकर लगातार कई ट्वीट किए थे। कांग्रेस की केरल इकाई ने अपने ट्वीट में बताया था कि जिन्होंने कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया वे आतंवादी थे। ट्वीट में लिखा कि साल 1990 से लेकर 2007 के मध्य के 17 सालों में आतंकियों की ओर से हमले में 399 पंडितों की हत्या की गई। इसी दौरान आतंकवादियों ने 15 हजार मुसलमानों की भी हत्या की। कांग्रेस ने आगे ट्वीट किया कि घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन उस दौरान के राज्यपाल जगमोहन के निर्देशन पर हुआ था, कांग्रेस ने ये भी कोट किया कि जगमोहन आरएसएस के आदमी थे।
कांग्रेस ने ये भी आरोप लगाया कि पलायन में भाजपा के समर्थन वाली वीपी सिंह सरकार के समय में शुरू हुआ था। बीजेपी के सपोर्ट वाली वीपी सिंह सरकार दिसंबर 1989 में सत्ता में आई। कश्मीरी पंडितों का पलायन उसके ठीक एक महीने बाद से शुरू हो गया। कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी ने इस पर कुछ एक्शन नहीं लिया और नवंबर 1990 तक वीपी सिंह सरकार को सपोर्ट करती रही। कांग्रेस ने दावा किया कि यूपीए सरकार के दौरान जम्मू में कश्मीरी पंडितों के लिए 5242 घर बनवा कर दिए गए थे। वहीं पंडितों के हर परिवार को 5 लाख रुपये की सहायता राशि दी गई थी। इसमें पंडितों के परिवार के छात्रों को स्कॉलरशिप व फार्मर्स के लिए विभिन्न योजनाएं शामिल की गई थीं।
यूजर्स ने दिए लॉजिकल जवाब
कांग्रेस के ट्वीट पर जवाब देते हुए कई ट्विटर यूजर्स ने उससे तीखे सवाल भी किए। @पल्लवीसीटी नाम के एक यूजर ने कहा 'आप ऐसे सब्जबाग बता रहे हैं जैसे कश्मीर 1990 के पहले जन्नत था। क्या आप इस बात से इनकार कर सकते हैं कि गवर्नर जगमोहन साल 1988 की शुरुआत से ही राजीव गांधी की सरकार को कश्मीर में आतंककियों के जुटने की वॉर्निंग दी थी। यूजर ने बताया कि जगमोहन ने केंद्र सरकार को लिखा था कि आपके और आपके आसपास के लोगों के पास इन बातों पर गौर करने के लिए न तो समय था, न दिलचस्पी और न ही उस तरीके से देखने का नजरिया।
यूजर ने लिखा राजीव गांधी दिसंबर 1989 के दौरान तक प्रधानमंत्री थे, वे चाहते तो रोक सकते थे...
वहीं यूजर ने लिखा कि जगमोहन में इतनी क्लियरिटी थी कि उनकी उपेक्षा करना ऐतिहासिक नजरिए से अपराध जैसा था। एक यूजर सुमित भसीन ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के साथ यासीन मलिक की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि वे (कांग्रेस) इस पर कोई सफाई दें। एक यूजर @कुमार 4018 ने लिखा कि इस तरह की घटनाएं मह एक दिन में नहीं होतीं। राजीव गांधी दिसंबर 1989 के दौरान तक प्रधानमंत्री थे। कश्मीर दंगे 1986 में शुरू हुए थे। तब राजीव गांधी की ही गर्वनमेंट थी।
गौरतलब है कि विवेक अग्निहोत्री निर्देशित (vivek agnihotri) की 'द कश्मीर फाइल्स' (the kashmir files) उम्मीद से कहीं ज्यादा बेहतर तरीके से प्रदर्शन कर रही है। इस फिल्म में न ही कोई मेनस्ट्रीम बॉलिवुड स्टार है और न ही इसका मेगा बजट है। इसके बावजूद इसने साउथ के प्रभास (Prabhas) की 'राधे श्याम' (Radhe Shyam) को कड़ी चुनौती दे दी है। यही नहीं, घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन (exodus of Kashmiri Pandits) पर बनी इस मूवी दर्शकों का जबरदस्त प्यार मिल रहा है। कई लोग थियेटर्स से बाहर निकलने के बाद अपने आंसू नहीं रोक पा रहे हैं।
कश्मीर ने हमारे नाम का फतवा जारी कर दिया गया था - प्रोड्यूसर पल्लवी जो
वहीं विवेक की पत्नी और प्रोड्यूसर पल्लवी जोशी (Pallavi Joshi) ने एक खुलासा कर डाला है। जोशनी ने बताया कि उनके और विवेक के खिलाफ कश्मीर (Kashmir) में फतवा (Pallavi Joshi fatwah) जारी कर दिया गया था। उस दौरान घाटी में उनकी शूटिंग का आखिरी दिन था और हमनें ये बात कास्ट एंड क्रू से छिपा कर रखी थी।
पल्लवी ने बताया कि आज देश में फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की सराहना हो रही है, लेकिन 'द कश्मीर फाइल्स' जैसे गंभीर विषय पर ​फिल्म कंटेंट निष्पक्ष रूप से तैयार करना कोई आसान काम नहीं था। एक इंटरव्यू के दौरान फिल्म की निर्माता पल्लवी जोशी ने खुलासा किया कि 'द कश्मीर फाइल्स' बनाने में शूटिंग वाला पार्ट शायद सबसे आसान और सबसे छोटा था। जहां फिल्म को पूरा तैयार करने में चार साल लगे, वहीं ये शूटिंग एक महीने में ही पूरी हो गई। पल्लवी ने बताया कि जब कश्मीर में फतवा जारी किया गया तब हम आखिरी सीन शूट कर रहे थे।
पल्लवी जोशी और उनके पति विवेक अग्निहोत्री (vivek agnihotri) ने इस बात को सीक्रेट रखने का निर्णय लिया। ताकि पूरा क्रू क्लाइमेक्स पर फोकस कर सके। पल्लवी ने कहा कि हमनें ये निर्णय इसलिए लिया क्योंकि हमें जाने के बाद यहां वापस शूट का मौका नहीं मिल पाता। पूरी यूनिट शूटिंग स्पॉट से सीधे कश्मीर से रवाना हो गई।

पल्लवी (Pallavi Joshi) ने बताया कि पति विवेक अग्निहोत्री को 'द कश्मीर फाइल्स' (the kashmir files) बनाने को लेकर इतनी धमकियां मिली कि उन्होंने ट्विटर एकाउंट को डिएक्टिवेट कर दिया। बता दें कि फिल्ममेकर ने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि लगातार मिल रही धमकियों के करण उन्हें कितना मेंटल स्ट्रेस हुआ था।

फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' नए रिकॉर्ड और इतिहास रच रही है। यह शायद पहली बॉलीवुड फिल्म है जिसके बिजनेस में 3 दिन में 325% का उछाल देखा गया है।

रिलीज के तीसरे दिन 15.10 करोड़ कलेक्शन
फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' नए रिकॉर्ड और इतिहास रच रही है। यह शायद पहली बॉलीवुड फिल्म है जिसके बिजनेस में 3 दिन में 325% का उछाल देखा गया है। 11 मार्च को रिलीज हुई फिल्म का पहले दिन का कलेक्शन करीब 3.5 करोड़ था, जो दूसरे दिन 8.5 करोड़ और तीसरे दिन 15.10 करोड़ पर पहुंच गया।
फिल्म को 600 से बढ़ कर मिली 200 स्क्रीन
पहले दिन फिल्म को देशभर में सिर्फ 600 स्क्रीन्स मिलीं, लेकिन रविवार तक दर्शकों की फिल्म के प्रति दीवानगी को देखते हुए स्क्रीन की संख्या 600 से बढ़ाकर 2000 कर दी गई। हर शहर में फिल्म के शो भी दोगुने से ज्यादा हो गए। बिना किसी बड़े स्टार के 'द कश्मीर फाइल्स' ने करीब 12 करोड़ की लागत से 27 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस किया है।

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