'एक्सीडेंट ऑर कॉन्सपिरेसी गोधरा' फिल्म का टीजर आउट (फोटो साभार: @taran_adarsh)  
राष्ट्रीय

Accident or Conspiracy Godhra: मुस्लिम भीड़ ने जिंदा जला दिए थे 59 रामभक्त… अब पर्दे पर आएगी गोधरा की कहानी, टीजर आउट

Om Prakash Napit

Accident or Conspiracy Godhra: 27 फरवरी 2002 की तारीख। गुजरात के गोधरा में अयोध्या से लौट रहे 59 रामभक्तों को मुस्लिम भीड़ ने साबरमती एक्सप्रेस की S-6 बोगी में जिंदा जला दिया था। इनमें 10 बच्चे और 27 महिलाएं भी थीं। इसके बाद गुजरात में दंगे भड़क गए थे।

अब इस घटना पर ‘एक्सीडेंट ऑर कॉन्सपिरेसी गोधरा’ (Accident or Conspiracy Godhra) नाम से फिल्म आ रही है।

इस फिल्म का टीजर मंगलवार (30 मई 2023) को जारी किया गया। फिल्म नानावती-मेहता आयोग की रिपोर्ट के तथ्यों पर आधारित है। इसकी रिलीज डेट अभी घोषित नहीं की गई है। एमके शिवाक्ष फिल्म के डायरेक्टर हैं। बीजे पुरोहित और रामकुमार पाल प्रोड्यूसर हैं।

फिल्म का टीजर ऐसे वक्त में आया है जब गैर मुस्लिम लड़कियों को लव जिहाद का शिकार बनाकर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) में भेजने की घटनाओं पर बनी फिल्म द केरल स्टोरी (The Kerala Story) चर्चा में है। इससे पहले कश्मीर में हिंदू नरसंहार पर बनी द कश्मीर फाइल्स भी काफी चर्चित हुई थी।

​टीजर देखने से लगता है कि 2002 के गोधरा कांड की पृष्ठभूमि पर बनी यह फिल्म दंगों के कारणों की गहराई से पड़ताल करने की कोशिश करती है। टीजर में उल्लेख किया गया है कि फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित है।

निर्देशक और निर्माता ने दी फिल्म से जुड़ी जानकारी

निर्देशक एमके शिवाक्ष ने 27 मई 2023 को मुंबई में टीजर लॉन्च करने के मौके पर बताया था, “इस विषय पर फिल्म बनाने के लिए हम पिछले चार वर्षों से काम कर रहे हैं। इन वर्षों में रिसर्च के दौरान हमें जो जानकारी मिली, उसी के आधार पर हमने यह फिल्म बनाई है।

ट्रेन पर हुए हमले की योजना पूर्व निर्धारित थी या नहीं, अगर पूर्व निर्धारित थी तो वह किस स्तर पर की गई? इन तमाम सवालों के जवाब इस फिल्म ‘एक्सीडेंट ऑर कॉन्सपिरेसी गोधरा’ में देखने को मिलेंगे।”

इस मौके पर फिल्म के निर्माता बीजे पुरोहित ने कहा था, “लोग गोधरा कांड को 2002 में हुए हिन्दू और मुस्लिम दंगे के रूप में जानते हैं। इसके पहले का गोधरा क्या था? ऐसा कौन सा सच है, जिसे गुजरात दंगों तले दबाया गया है? ऐसा करने के पीछे किस तरह की मानसिकता रही होगी, यह सब फिल्म में दिखाया गया है।”

क्या है गोधरा कांड?

2002 में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगाने की घटना की जांच के लिए जस्टिस नानावटी कमेटी का गठन किया गया। कमेटी की रिपोर्ट में इस घटना के बारे में कहा गया था, “ट्रेन सुबह 7:43 पर प्लेटफार्म पर लगभग 5 घंटे देरी से आई। ट्रेन को गोधरा में लगभग 5 मिनट रुकना था। ट्रेन पर हमला घांची मुस्लिम भीड़ ने किया।

ये अनधिकृत रूप से स्टेशन पर कोल्ड ड्रिंक और अन्य खाने के सामान बेचते थे। गोधरा स्टेशन की बॉउंड्री से सटा एक इलाका है, जिसे सिग्नल फलिया कहा जाता है। यहाँ घांची मुस्लिम अच्छी संख्या में रहते हैं।”

जैसे ही ट्रेन गोधरा स्टेशन से रवाना होने लगी उसकी चेन खींच दी गई। ट्रेन पर 1000-2000 लोगों की भीड़ ने हमला किया। भीड़ ने पहले पत्थरबाजी की फिर पेट्रोल डालकर उसमें आग लगा दी। इसमें 27 महिलाओं, 22 पुरुषों और 10 बच्चों की जलने से मृत्यु हो गई। इस रिपोर्ट में इस घटना को साजिश बताया गया।

प्रमुख साजिशकर्ता मौलवी हुसैन हाजी इब्राहिम उमर और ननूमियाँ थे। इन पर भीड़ को भड़काने का आरोप लगा। आरोपित रज्जाक कुरकुर के गेस्ट हाउस पर 140 लीटर पेट्रोल जमा किया गया। इसी पेट्रोल से ट्रेन जलाई गई थी।

जांच के दौरान यह भी पता चला कि हिंसक भीड़ को उकसाने के लिए लाऊडस्पीकरों का प्रयोग किया गया था। अली मस्जिद यहीं पास में थी थी। इस दौरान ‘काफिरों को मार डालो, इस्लाम खतरे में है, काट दो, मार दो’ जैसे नारे लगाए गए। हमलावरों के हाथों में तलवारें और अन्य घातक हथियार थे। वो पत्थरबाजी भी कर रहे थे। ये सभी ट्रेन को घेरने की कोशिश कर रहे थे।”

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