देशभर में आतंकी मॉड्यूल के खुलासों की लिस्ट लम्बी होती जा रही है। पीएफआई के बाद अब एनआईए ने देश में इस्लामिक स्टेट के एक हाईटेक आंतकी मॉड्यूल का खुलासा किया है जिसे नुपुर शर्मा प्रकरण के बाद कुछ बड़ा करने का निर्देश मिला था।
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि इन लोगों ने देश के कई धार्मिक स्थलों पर आत्मघाती हमले करने की साजिश रची थी।
इनके निशाने पर सैन्य ठिकाने और कई राज्यों के पुलिस मुख्यालय भी थे। ये आतंकी काफी हाइटेक थे, कुछ तो पेशे से इंजीनियर और मैनेजर हैं। एनआईए की सतर्कता ने कई बड़ी घटनाएं घटने से बचा ली हैं।
एनआईए ने देशभर में से 6 राज्यों के 13 ठिकानों से 48 आतंकियों को हिरासत में लिया है। ये 48 आतंकी कई सालों से देश में आतंकी धमाके करने की साजिश कर रहे थे।
बताया जा रहा है कि ये लोग अप्रत्यक्ष रूप से भारत में आग लगाने में जुटे हुए थे। ये लोग तीन साल से सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट बना कर देश में कट्टरता फैला रहे थे।
ये लोग सोशल मीडिया पर कट्टरता बढ़ाने का कैंपेन चलाते थे और युवाओं को आईएस में भर्ती होने के लिए भड़काते थे।
ये आतंकी आईएस की भारत केंद्रित ऑनलाइन मैग्जीन ‘वॉयस ऑफ हिंद’ में कंटेंट भेजने और मैग्जीन का स्थानीय भाषा में अनुवाद करने का काम करते थे।
एनआईए को आतंक के इस मॉड्यूल का इनपुट आसिफ मुस्तीन, अख्तर हुसैन लश्कर, यासिर नवाब और मोहम्मद जुबा से हुई पूछताछ से मिला। ये चारों आईएस आतंकी हैं।
इन्हें कर्नाटक और तमिलनाडु की पुलिस ने दक्षिण भारत के शृंगेरी शारदा पीठ, कांची कामकोटि पीठ व रामचंद्रपुरा मठ पर हमले की साजिश में गिरफ्तार किया था।
एनआईए ने शनिवार और रविवार को मध्यप्रदेश के भोपाल, रायसेन, बिहार के अररिया, गुजरात के भरूच, सूरत, नवसारी, अहमदाबाद, यूपी के देवबंद, कर्नाटक के भटकल, तुमकुर और महाराष्ट्र के कोल्हापुर व नांदेड़ में छापेमारी की थी।
आईएस के इस मॉड्यूल का मुख्य सरगना जुफरी जौहर दामुदी उर्फ अबू हाजिर अलबद्री है। जो कि जेल में बंद है। उसे एनआईए ने अगस्त 2021 में पकड़ा था।
तब पूछताछ में डिजिटल मॉड्यूल की जानकारी नहीं पता चली थी। अभी पकड़े गए संदिग्धों से पूछताछ के दौरान इस मॉड्यूल का खुलासा हुआ है।
गिरफ्तार किए गए ज्यादातर आतंकी आईटी, इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट पेशेवर हैं। ये इतने शातिर हैं कि कर्नाटक व तमिलनाडु में कार्रवाई के बाद इन्होंने मोबाइल और लैपटॉप से डेटा डिलीट कर दिया था।
एनआईए ने इन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है। रिपोर्ट आने पर खुलासा होगा कि इन्होंने कौन-कौन से धार्मिक स्थलों पर हमले की साजिश रची थी और क्या तैयारी की थी ?