शनिवार को भारत सरकार ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले में अहम फैसला लिया है। मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के फाउंडर हाफिज सईद का 46 वर्षीय बेटा हाफिज ताल्हा सईद (Hafiz Talha Saeed) को आतंकी करार दे दिया गया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि भारत में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) द्वारा किए गए हमलों के लिए की गई प्लानिंग, फंडिंग व रिक्रूटमेंट तक में 46 वर्षीय हाफिज ताल्हा सईद शामिल था। साथ ही यह पाकिस्तान में मौजूद विभिन्न LeT सेंटरों का भी दौरा करता रहता है।
तल्हा सईद पाकिस्तान भर में विभिन्न लश्कर केंद्रों का दौरा कर रहा है और अपने उपदेशों के दौरान भारत, इज़राइल, संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों में भारतीय हितों के खिलाफ जिहाद का प्रचार कर रहा है। मामले में मंत्रालय की ओर से जारी किए गए नोटफिकेशन के अनुसार केंद्र सरकार का मानना है कि हाफिज ताल्हा सईद आतंकवाद में शामिल है और उसे गैरकानूनी गतिविधयों (रोकथाम) कानून 1967 के तहत आतंकी करार दिया जाना चाहिए।
26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई आतंकी हमले के पीछे हाफिज सईद का ही दिमाग था जिसमें 166 लोगों की मौत हुई थी। कुछ साल पहले इसी कानून के तहत उसे आतंकी घोषित कर दिया गया था। अभी वह आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के मामले में पाकिस्तान में कैद की सजा भुगत रहा है। भारत की ओर से बार बार पाकिस्तान से उसकी कस्टडी मांगी जा रही है लेकिन पाकिस्तान इससे इंकार कर रहा है। 26/11 हमलों के अलावा भारत में विशेषकर जम्मू कश्मीर में सिलसिलेवार हमलों के लिए भी LeT जिम्मेवार है। इन हमलों में सैंकड़ों नागरिकों व सुरक्षाबलों की जान जा चुकी है।
लश्कर-ए-तैयबा दक्षिण एशिया के सबसे बडे़ इस्लामी आतंकवादी संगठनों में से एक है। हाफिज़ मुहम्मद सईद ने इसकी स्थापना अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में की थी। वर्तमान में यह पाकिस्तान के लाहौर से अपनी गतिविधियाँ चलाता है। इस संगठन ने भारत के विरुद्ध कई बड़े हमले किये हैं और अपने आरंभिक दिनों में इसका उद्येश्य अफ़ग़ानिस्तान से सोवियत शासन हटाना था। अब इसका प्रधान ध्येय कश्मीर से भारत का शासन हटाना है।
बता दें की लश्कर-ए-तैयबा ने वर्ष 2000 में दिल्ली के ऐतिहासिक किले पर हमले व 2001 में श्रीनगर हवाई अड्डा और अप्रेल 2001 में सीमासुरक्षाबल के जवानों की हत्या की जिम्मेवारी भी ली थी। यही नही हाल ही में जम्मू-कश्मीर के सोपोर में सुरक्षा बलों के एक बंकर पर पेट्रोल बम फेंका गया था। बम फेंकने वाली बुर्का वाली महिला हसीना अख्तर (Hasina Akhtar) भी आतंकी संगठन लश्कर- ए- तैयबा (LeT) की ओजीडब्ल्यू (Under Ground Worker) है। जिसके खिलाफ पहले से UAPA के तहत तीन मामले दर्ज हैं।