Digvijaya Statement: कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने सोमवार को एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) पर सवाल उठाया और सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। इस पर विवाद बढ़ता देख कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह के बयान से किनारा कर लिया और इसे उनकी निजी राय बता दिया है। खुद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) दिग्विजय सिंह के बयान पर असहमति जता चुके है। गौर करने वाली बात यह है कि दिग्विजय सिंह इससे पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाया चुके।
अब महत्वपूर्ण यह है कि सर्जिकल स्ट्राइक पर फिर से सवाल उठाकर कांग्रेस द्वारा इस पर पलटी मार जाना महज संयोग नहीं हो सकता। हो सकता है यह भी कांग्रेस की सोची समझी रणनीति का एक हिस्सा हो। यूं भी भारत जोड़ो यात्रा के जरिये कांग्रेस राहुल गांधी को विपक्ष का पीएम दावेदार साबित करने का प्रयास कर रही है। ऐसे में यह भी हो सकता है कि पहले दिग्विजय से यूं बयान दिलवा गया हो और फिर उससे किनारा कर राहुल की छवि बदलने का प्रयास किया जा रहा हो।
गौरतलब है कि 26 फरवरी 2019 को, भारतीय वायु सेना के 12 मिराज 2000 जेट्स ने नियंत्रण रेखा पार की और पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद संचालित आतंकवादी शिविर पर हमला किया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस ऑपरेशन के दौरान लगभग 200 - 300 आतंकवादी मारे गए थे।
पढ़ें Since Independence की यह पूरी रिपोर्ट जो आपको बताएगी कांग्रेस की इसके पीछे की छिपी राजनीति के मायने। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा अंतिम चरण में है, इसी बीच सर्जिकल स्ट्राइक के करीब 5 साल बाद दिग्विजय सिंह द्वारा सबूत मांगना और फिर इस पर कांग्रेस की लीपापोती बहुत कुछ बयां करती है।
पाक पर सर्जिकल स्ट्राइक को 5 साल होने को है, ऐसे में सेना के पराक्रम पर फिर सवाल उठाना चौंकाता है।
फरवरी 2019 में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद कांग्रेस के तमाम दिग्गजों ने सेना के शौर्य सवाल उठाए, तब राहुल, सोनिया सब चुप रहे।
भारत जोड़ो यात्रा अब समाप्त होने को है, इस बीच फिर दिग्विजय का सर्जिकल स्ट्राइक पर प्रश्न उठाना और कांग्रेस का इससे किनारा कांग्रेस की मंशा पर सवाल खड़े करता है।
खुद राहुल गांधी ने दिग्विजय सिंह के बयान पर असहमति जताकर कहा, सेना के शौर्य पर कोई सवाल नहीं है। यह महज इत्तेफाक नहीं हो सकता।
हो सकता है पहले दिग्विजय सिंह से बयान दिलवाया गया हो और अब इस पर सफाई देकर कांग्रेस राहुल गांधी की छवि चमकाने का प्रयास कर रही हो।
राहुल गांधी ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के दौरान सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) पर दिग्विजय सिंह के बयान पर अपनी बात रखी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा, 'हम दिग्विजय सिंह जी के बयान से सहमत नहीं है। हम सेना का सम्मान करते हैं और सेना के शौर्य पर कोई सवाल नहीं है। आर्मी ऑपरेशन के सबूत जरूरी नहीं हैं।' इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने भी कहा था कि कांग्रेस पार्टी ने इस पर अपना स्टेटमेंट दे दिया है और पार्टी का स्टैंड क्लियर है।
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने भी सफाई दी थी। उन्होंने कहा, 'वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह द्वारा व्यक्त किये गये विचार उनके अपने हैं और कांग्रेस के रुख को प्रदर्शित नहीं करते हैं। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार द्वारा 2014 से पहले सर्जिकल स्ट्राइक की गई थीं। कांग्रेस ने राष्ट्र हित में की जाने वाली सभी सैन्य कार्रवाई का समर्थन किया है और करती रहेगी।'
पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने ट्वीट कर कहा, भारत के सुरक्षा मुद्दों पर कुछ राजनेताओं को लगातार अपराधी बनते देख दुख हो रहा है। ये लोग बार-बार हमारे अपने सशस्त्र बलों के सफल अभियानों पर सवाल उठा रहे हैं।
बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियों से पता चलता है कि देशभर में राहुल गांधी के नेतृत्व में पदयात्रा सिर्फ नाम की भारत जोड़ो यात्रा है, जबकि वह और उनकी पार्टी के सहयोगी देश को तोड़ने के लिए काम कर रहे हैं। भाटिया ने कहा, 'यह अनिवार्य रूप से' भारत तोड़ो यात्रा है। उन्होंने कहा- अगर वे सशस्त्र बलों के खिलाफ बोलते हैं तो भारत बर्दाश्त नहीं करेगा। राहुल गांधी और कांग्रेस पीएम मोदी से नफरत करते हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि वे नफरत से इस हद तक अंधे हो गए हैं कि देश के प्रति उनका समर्पण खत्म हो गया है।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर कहा, जिस भारतीय सेना के प्रयासों, उनकी देश भक्ति और बलिदान के कारण आज आप और पूरा देश सुरक्षित है, उन्हीं पर सवाल उठाकर आपने भारत माता का अपमान किया। दिग्विजय सिंह जी क्या ये राष्ट्र विरोधी मानसिकता का प्रमाण नहीं है? उन्होंने कहा, आतंकी ओसामा बिन लादेन को ओसामा जी, जाकिर नायक के साथ मंच साझा करना, अपने भाषणों से लगातार मातृशक्ति के प्रति असम्मान। दिग्विजय सिंह ने अपनी राष्ट्र विरोधी क्रियाओं की सूची में आज एक और को जोड़ा।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सोमवार को सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि हमारे सीआरपीएफ के 40 जवान पुलवामा में शहीद हुए थे। सीआरपीएफ के अधिकारियों ने पीएम मोदी से अनुरोध किया था कि सभी जवानों को एयरलिफ्ट किया जाए, लेकिन पीएम मोदी नहीं माने। ऐसी चूक कैसे हो गई?
दिग्विजय सिंह ने कहा, आज तक पुलवामा पर संसद के सामने कोई रिपोर्ट नहीं रखी गई। उन्होंने दावा किया कि सर्जिकल स्ट्राइक किया गया, लेकिन सबूत नहीं दिखाया। ये (बीजेपी) सिर्फ और सिर्फ झूठ फैलाते हैं। उन्होंने कहा था, पुलवामा हादसे में आतंकवादी के पास 300 किलो RDX कहां से आई? देवेंद्र सिंह डीएसपी आतंकवादियों के साथ पकड़ा गया लेकिन फिर क्यों छोड़ दिया गया? पाकिस्तान व भारत के प्रधानमंत्री के मैत्री संबंधों पर भी हम जानना चाहते हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मांग की थी कि सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत पेश किए जाने चाहिए। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि वह सेना की कार्रवाई पर सवाल नहीं उठा रहे, लेकिन आज के तकनीकी दौर में सैटेलाइट से सारी तस्वीरें आ जाती हैं। उन्होंने तो ये भी कह दिया कि जैसे अमेरिका ने ओसामा को मारने के बाद सबूत दिखाए वैसे ही मोदी सरकार को भी सबूत जारी करने चाहिए।
पाकिस्तान के खिलाफ हुई एयर स्ट्राइक को लेकर जो बातें विदेशी मीडिया बोल रहा है, उस पर तो कपिल सिब्बल को यकीन है, लेकिन उन्हें अपनी ही सेना पर भरोसा नहीं है। सिब्बल ने एक ट्वीट में न्यू यॉर्क टाइम्स, लंदन स्थित जेन इन्फॉर्मेंशन ग्रुप, वॉशिंगटन पोस्ट, डेली टेलीग्राफ, द गार्डियन और रायटर्स जैसे इंटरनेशनल मीडिया का हवाला देते हुए कहा कि इनके अनुसार पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकियों के मारे जाने की कोई खबर नहीं है।
कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने अमित शाह के बयान को पकड़ लिया। शाह ने एक रैली में कहा था कि भारतीय सेना की एयर स्ट्राइक में 250 से भी अधिक आतंकवादी मारे गए हैं। इस पर उन्होंने एयर वॉइस मार्शल आरजीके कपूर का बयान भी ट्वीट किया है, जिसमें कपूर ने कहा था- 'हमने जिन शिविरों पर हमले किए हैं, उनमें कितने हताहत हुए और कितने मारे गए, इसकी कोई संख्या बताना अभी जल्दबाजी होगी।' इस पर वह कहते हैं कि क्या हवाई हमले का राजनीति के लिए इस्तेमाल नहीं हो रहा है? उन्होंने सवाल उठाया है कि आखिर ऐसी कौन सी जानकारी है जो अमित शाह के पास है, लेकिन भारत सरकार के पास नहीं।
पाकिस्तान में हुई एयर स्ट्राइक पर नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट करते हुए पूछा है कि आप आतंकी मारने गए थे या पेड़ उखाड़ने? भले ही सिद्धू का निशाना मोदी सरकार पर हो, लेकिन उनका बयान सीधे तौर पर सेना पर सवाल उठाने वाला है। सिद्धू ने ट्वीट में लिखा है- '300 आतंकी मारे गए। हां या ना? तो इसका क्या मकसद था? आप आतंकी मारने गए थे या पेड़ उखाड़ने? क्या ये चुनावी हथकंडा है? विदेशी दुश्मन से लड़ने के नाम पर हमारे लोगों से धोखा हुआ है। सेना का राजनीतिकरण बंद कीजिए।' अंत में नवजोत सिंह सिद्धू ने लिखा है, 'ऊंची दुकान, फीका पकवान।'
पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि भारतीय वायुसेना के वाइस एयर मार्शल ने मारे जाने वालों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि कोई नागरिक या सैनिक हताहत नहीं हुआ तो हताहतों की संख्या 300-350 किसने बताई? आपको बता दें कि चिदंबरम ने ये बातें अमित शाह के बयान पर हमला बोलते हुए कही। उन्होंने सबूत मांगने का अप्रत्यक्ष तरीका निकाला और ट्वीट किया- मैं अपनी सरकार पर भरोसा करने के लिए तैयार हूं, लेकिन हम चाहते हैं कि दुनिया को भी भरोसा हो।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी ट्वीट करते हुए कहा है कि मोदी सरकार के मंत्री टीवी चैनलों की खबरों को ये कहते हुए झुठला रहे हैं कि बालाकोट हवाई हमले में 300 आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि पीएम ने कभी नहीं की है। उन्होंने सवाल उठाते हुए लिखा है कि अगर ये सच नहीं है तो पीएम देश को सच बताएं। देखा जाए तो सीधे-सीधे उन्होंने भी सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत ही मांगा है।