देश को आज सबसे युवा राष्ट्रपति मिल गया है । द्रौपदी मुर्मू ने देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने संसद के सेंट्रल हॉल में द्रौपदी मुर्मू को पद की शपथ दिलाई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराया। द्रौपदी मुर्मू आजादी के बाद पहली और शीर्ष पद संभालने वाली सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति हैं। इसके साथ ही वह राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला और पहली आदिवासी महिला हैं। मुर्मू ने पूर्व राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी का रिकॉर्ड तोड़ा है। नीलम संजीव रेड्डी ने जब पदभार संभाला तब उनकी उम्र 64 साल 2 महीने 6 दिन थी। वहीं द्रौपदी मुर्मू की उम्र भी 64 साल है, लेकिन शपथ लेने के दिन यानी उनकी उम्र 64 साल, एक महीना और चार दिन है ।
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को हुआ था । मुर्मू झारखंड की राज्यपाल भी रह चुके हैं और लंबे समय से भाजपा से जुड़ी हुए हैं। आदिवासी समुदाय संथाल से ताल्लुक रखने वाली द्रौपदी मुर्मू ने बीए तक पढ़ाई की है । उन्होंने यह डिग्री रामादेवी महिला कॉलेज, भुवनेश्वर से प्राप्त की। द्रौपदी मुर्मू ने ग्राउंड जीरो से राजनीति में काम शुरू कर दिया है । वह पहली बार 1997 में रायरंगपुर से नगर पंचायत पार्षद बनीं । इसके बाद वे 2 बार ओडिशा के रायरंगपुर से विधायक भी रहीं। वह भाजपा और बीजू जनता दल की गठबंधन सरकार में मंत्री भी थीं ।
इससे पहले भी कई रिकॉर्ड राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम दर्ज हैं । द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी रह चुकी हैं । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 2000 में इसके गठन के बाद से पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाली झारखंड की पहली राज्यपाल भी हैं । वह पहली ओडिया नेता भी हैं जिन्हें राज्यपाल बनाया गया था ।
चुनाव में राष्ट्रपति मुर्मू ने निर्वाचक मंडल सहित सांसदों और विधायकों के वैध मतों का 64 प्रतिशत से अधिक प्राप्त किया और भारी अंतर से चुनाव जीता। मुर्मू को 6,76,803 वोट मिले जबकि सिन्हा को 3,80,177 वोट मिले ।