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बृज 84 कोस: गहलोत सरकार ने सीबीआई जांच की मांग को किया नजरअंदाज, क्यों IAS कुंजी लाल को सौंपी जांच?

बृज 84 कोस: बृज में हो रहे अवैध खनन के खिलाफ आत्मदाह करने वाले बाबा विजय दास की मृत्यु के मामले में अब गहलोत सरकार ने जांच कराने का फैसला लिया है।

Ravesh Gupta

बृज 84 कोस: बृज में हो रहे अवैध खनन के खिलाफ आत्मदाह करने वाले बाबा विजय दास की मृत्यु के मामले में अब गहलोत सरकार ने जांच कराने का फैसला लिया है।


राज्य सरकार ने मामले की जांच वरिष्ठ आईएएस अधिकारी कुंजी लाल मीणा को सौंपी है और उन्हें 10 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट देनी है। राज्य के गृह विभाग ने आदेश जारी किए हैं।


बीजेपी पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रही है। भाजपा द्वारा गठित जांच कमेटी में अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंप दी है। जांच कमेटी ने गहलोत सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

पसोपा में बाबा की बनेगी समाधि

पसोपा जहां पर संतो ने लगभग 550 दिन तक आंदोलन किया था।

वहीं पर स्थित पशुपति नाथ मंदिर में बाबा विजय दास की अस्थियों और सभी सरोवरों के पवित्र जल से बाबा विजय दास की समाधि बनाई जाएगी।

बाबा विजय दास पासोपा के पशुपति नाथ मंदिर के महंत थे। वहीं बाबा विजय दास की समाधि स्थापित की जाएगी।

अवैध खनन पर संत ने किया था आत्मदाह


गौरतलब है कि कुछ दिन पहले भरतपुर में अवैध खनन के खिलाफ आत्मदाह करने की कोशिश करने वाले संत विजय दास महाराज की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी।

स्वर्गीय साधु विजय दास भरतपुर के डीग क्षेत्र में अवैध खनन के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। भरतपुर के डीग इलाके में अवैध खनन को रोकने की मांग को लेकर संत पिछले काफी समय से आंदोलन कर रहे थे।

इस आंदोलन के दौरान संत विजय दास ने आत्मदाह करने की कोशिश की थी। घटना के तुरंत बाद विजय दास को गंभीर हालत में इलाज के लिए जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया।

फिर बाद में उन्हें इलाज के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया। जहां उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए थे।

धार्मिक स्थल है खनन वाली जगह

संत विजय दास का शरीर लगभग 80 प्रतिशत तक जल चुका था। साधुओं का दावा है कि जिस स्थान पर अवैध खनन हो रहा था वह धार्मिक स्थल है। बृज 84 कोस के परिक्रमा मार्ग में खनन स्थल है। ऋषियों का दावा है कि खनन स्थल धार्मिक आस्था से जुड़ा है।

बीजेपी ने की सीबीआई जांच की मांग

गहलोत सरकार ने आईएएस अधिकारी को जांच सौंपकर संकेत दिया है कि राज्य सरकार मामले की जांच सीबीआई से कराने की इच्छुक नहीं है। बीजेपी लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रही है।

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